गूगल की मदद से ढूंढा लापता बच्ची का शव:इंदौर पुलिस ने 60 से ज्यादा सीसीटीवी देखे; ठंड के चलते नाले में बॉडी फूली, उतराई नहीं

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इंदौर में 6 साल की बच्ची की मौत पानी में डूबने से हुई। शॉर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। गार्डन के पास मिले सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को बच्ची के नाले में होने का शक हुआ था। सोमवार सुबह जेसीबी बुलाकर नाले को साफ कराया गया। कचरा बाहर निकलने के बाद बच्ची का शव मिला। यह नाला बच्ची की नानी के घर से लगभग 300 मीटर दूर है। 6 साल की लक्षिका शनिवार से लापता थी। पुलिस ने उसे ढूंढने के लिए गूगल की मदद ली, कॉलोनी का नक्शा बनाया और 60 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों को देखा, एक-एक कड़ी जोड़कर पुलिस नाले तक पहुंची। पुलिस ने इस पूरे ऑपरेशन को कैसे अंजाम दिया, लीड कहां मिली, बच्ची का शव फूला क्यों नहीं, ऊपर क्यों नहीं आया?, इन दो सवालों के जवाब भी जानेंगे, पहले जान लेते हैं… अब बात पुलिस इन्वेस्टिगेशन की कॉलोनी के अंदर-बाहर के सीसीटीवी फुटेज जुटाए: मासूम के लापता होने की जानकारी मिलने के बाद से ही पुलिस एक्शन में आ गई थी। लोगों से जानकारी जुटाना शुरू की। गूगल की मदद से शिव सागर कॉलोनी का नक्शा निकाला। नक्शा मिलने के बाद पुलिस ने कॉलोनी में उन बिल्डिंग को मार्क करना शुरू किया, जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। पूरी कॉलोनी की जांच में सामने आया कि 36 बिल्डिंग में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इसके बाद पुलिस कॉलोनी के बाहर आई। कॉलोनी से बाहर जाने के तीन रास्ते हैं। अब पुलिस ने बाहर जाने वाले तीनों रास्तों और उसके आगे तक के रास्तों के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज निकाले। कुल मिलाकर पुलिस ने कॉलोनी के अंदर और बाहर 60 से ज्यादा जगह के सीसीटीवी फुटेज जुटाए। अब बारी थी इन फुटेज को देखने की: फुटेज मिलने के बाद पुलिस के सामने बड़ी चुनौती थी इन फुटेज में लक्षिका की तलाश। पुलिस ने फुटेज देखने की शुरुआत की। एक फुटेज को पांच से छह बार देखा गया। इन फुटेजों
को देखने के लिए स्क्रीन पर छोटे-छोटे बॉक्स बनाए। हर बॉक्स को जूम करके देखा गया। बार-बार देखने के बाद पुलिस को कुछ फुटेज में बच्ची की मूवमेंट मिली। ऐसी ही एक मूवमेंट पुलिस को गार्डन के पास लगे सीसीटीवी फुटेज में मिली। अधिकतर बार फुटेज के बीच में फोकस रहता है, लेकिन बच्ची का मूवमेंट साइड में नजर आया। इसके बाद पुलिस की तलाश गार्डन के पास नाले पर आकर पहुंची। एसीपी रुबीना मिजवानी ने बताया- नाले में थर्माकोल का कचरा काफी मात्रा में था। ऐसे में तलाश पाना मुश्किल था। एसडीआरएफ की टीम भी यह कह चुकी थी कि बच्ची यहां नहीं होगी। नाले का कचरा साफ करने के लिए दो जेसीबी बुलवाईं। लगातार नाले से कचरा निकाला गया। थर्माकोल पानी के ऊपर ही तैर रहे थे। काफी हद तक कचरा साफ किया गया। इसके बाद हमें बच्ची का शव मिला। तीन डॉक्टरों के पैनल से कराया पीएम: एसीपी ने बताया कि शव मिलने के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन डॉक्टरों के पैनल से जिला अस्पताल में बच्ची का पीएम कराया गया। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में सामने आया है कि
डूबने से बच्ची की मौत हुई है। असॉल्ट के कोई निशान नहीं मिले हैं। दोनों सवालों के जवाब 1). बच्ची का शव फूला क्यों नहीं?: लोगों का आरोप था कि अगर बच्ची डूबी है, तो शव फूला क्यों नहीं, पानी के ऊपर क्यों नहीं आया? इसके जवाब में एसीपी ने बताया कि इस बारे में भी डॉक्टरों से बात की गई। डॉक्टरों का कहना है कि 48 घंटे बाद बॉडी डीकंपोज होना शुरू होती है, ठंड में इससे भी ज्यादा समय लगता है। हमने शव 48 घंटे पहले ही बरामद कर लिया। 2). शव ऊपर क्यों नहीं आया?: एसीपी ने बताया कि नाले के ऊपर थर्माकोल का कचरा जमा हुआ था। एक वजह यह भी हो सकती है, जिसकी वजह से शव ऊपर नहीं आया होगा। बच्ची ठीक से बोल नहीं सकती थी। जब वह पानी में गिरी होगी, तो वह चिल्लाई भी होगी, लेकिन उसकी आवाज कोई सुन नहीं पाया होगा। घटना से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए… इंदौर में नाले में मिला लापता बच्ची का शव इंदौर में 6 साल की लापता बच्ची का शव सोमवार को नाले में मिला। बच्ची माता-पिता के साथ गुजरात से इंदौर के राजेंद्र नगर आई थी। शनिवार को परिवार ने बच्ची के गुम होने की शिकायत थाने में की थी। शव मिलने के बाद गुस्साए परिजन और स्थानीय लोगों ने गमले वाली पुलिया पर चक्काजाम कर दिया। लोग निगम प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। उनका आरोप है कि नाले के किनारे बाउंड्रीवॉल बनाने के लिए कई आवेदन दिए गए, लेकिन बाउंड्रीवॉल तैयार नहीं की गई। पूरी खबर पढ़िए