संख्या बढ़ी तो रिजेक्ट भी होने लगे वीसा के आवेदन:मुफ्त पढ़ाई, लाखों की स्कॉलरशिप ने बढ़ाई रुचि, इटली पहुंचे 8 हजार छात्र

Uncategorized

मुफ्त पढ़ाई की स्कीम के चलते हायर एजुकेशन के लिए इटली जाने वाले छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 4 सालों में 8 हजार के करीब स्टूडेंट्स हायर एजुकेशन के लिए इटली पहुंच चुके हैं। इंदौर से भी सैकड़ों छात्र इटली जा रहे हैं। वहीं बड़ी संख्या में एक साथ वीजा के आवेदन होने से इन्हें लगातार रिजेक्ट किया जा रहा है। 2024 में यहां से 500 छात्रों ने वीसा के लिए आवेदन किया, लेकिन इसमें से आधे से ज्यादा यानी करीब 300 छात्रों के वीसा बगैर किसी ठोस कारण के रिजेक्ट कर दिए । फिलहाल छात्र इटली में यूनिवर्सिटी ऑ‌फ बोलोग्ना, उनिवेरिस्टी ऑफ रोम, पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी ऑफ मिलान, यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरेंस व यूनिवर्सिटी ऑफ नेपल्स जैसी टॉप यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले रहे हैं। स्टूडेंट्स के इटली जाने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि 2022 में ही इटली सरकार ने छात्रों को दिया जाने वाला स्टाइपेंड बढ़ाया था, उसका भी असर देखने को मिला है। यही नहीं जानकारों का कहना है कि अमेरिका या यूके की तुलना में यहां पढ़ाई और रहने का खर्च बेहद कम है। साथ ही इटली सरकार द्वारा दी जाने वाली अलग-अलग स्कॉलरशिप भी छात्रों की बढ़ती रुचि की एक बड़ी वजह है। छात्रों का कहना है कि वहां रहने के लिए होस्टल व फूड तक स्कीम के तहत ही मिल जाता है। इसके अलावा ग्रांट राशि भी दी जाती है, जो छात्र अन्य जरूरतों पर खर्च कर सकते हैं। इंदौर के फॉरेन एजुकेशन कंसल्टेंट अमित पहारे कहते हैं पिछले कुछ सालों में इंदौर से इटली जाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ गई है। तीन साल पहले तक यह संख्या औसत 90 से 100 के आसपास थी, जो बढ़कर 200 के पार पहुंच गई है। इटली में भाषा बड़ी परेशानी : कंसल्टेंट प्रशांत हेमनानी बताते हैं कि जो छात्र इटली में हायर एजुकेशन के बारे में सोचते हैं, उनके लिए वहां की भाषा सबसे बड़ी चुनौती होती है, लेकिन फ्री एजुकेशन स्कीम ने ट्रेंड बदल दिया है। हालांकि एक परेशानी यह है कि कोर्स पूरा होने के बाद नौकरियां नहीं मिलती है। वहां जॉब चुनिंदा क्षेत्रों में ही हैं। हालांकि इसी वजह से ज्यादातर छात्र वहां सिर्फ पढ़ाई के लिए पहुंच रहे हैं। सालाना 6 लाख रुपए तक मिल रहे खास बात यह है कि छात्रों को 6 लाख रुपए तक सालाना राशि मिल रही है। इसमें सबसे ज्यादा वित्तीय सहायता उन्हें दी जाती है, जिनकी पारिवारिक आय 12 लाख रुपए से कम है। ऐसे छात्रों को 7000 यूरो यानी सालाना 6 लाख रुपए तक दिए जाते हैं। हालांकि यह राशि पहले कम थी, इसे 2022 में ही बढ़ाया गया था। एक्सपर्ट कहते हैं कि ग्रांट राशि कितनी दी जाएगी, यह उस पर निर्भर करता है कि छात्र किस यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले रहा है और किस एरिया में रह रहा है। यही नहीं यह भी देखा जाता है कि वह किस स्टेम कोर्स में प्रवेश ले रहा है। सामान्य तौर पर छात्र इटली साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग या मेडिकल की पढ़ाई के लिए पहुंच रहे हैं।