क्राइम ब्रांच ने लोगों को सचेत करने के लिए जारी की एडवाइजरी प्रधानमंत्री किसान योजना, महिला बाल विकास विभाग की स्कीम और इनकम टैक्स विभाग से शासकीय सहायता देने की योजनाओं के नाम पर भी साइबर अपराधी लोगों को टारगेट कर रहे हैं। 11 महीने में क्राइम ब्रांच को ऐसी योजनाओं के नाम पर ठगे जाने की 51 शिकायतें मिली हैं। सभी पीड़ितों से 18 लाख रुपए की धोखाधड़ी हो चुकी है। एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि अपराधी इन योजनाओं के नाम पर आम लोगों को टारगेट कर रहे हैं। ये एपीके फाइल और एक लिंक शासकीय योजनाओं के नाम पर तैयार कर रेंडमली लोगों के ग्रुप में भेजते हैं। एपीके फाइल डाउनलोड करते ही लोग इनका शिकार हो जाते हैं। केस-1 : इनकम टैक्स विभाग का बोलकर 1 लाख ठगे एक पीड़ित ने शिकायत की थी कि ठग गिरोह के बदमाशों ने खुद को इनकम टैक्स विभाग से होना बताकर बात की और डिपार्टमेंट की नई योजना के बारे में जानकारी दी। कहा कि सरकार ने गरीबों की सहायता के लिए योजना बनाई है। इसका फॉर्म एक फाइल के फार्मेट में है। हमें आपका एक कार्ड बनाना होगा, उसका सामान्य शुल्क आपको फोन पे पर चुकाना है। उसके बाद फाइल आपको भेज दी जाएगी। फिर झांसे में लेकर फाइल डाउनलोड करवा दी। तुरंत फरियादी के खाते से 1 लाख 15 हजार रुपए कट गए। केस-2 : मातृत्व योजना के नाम पर यूपीआई फ्रॉड एक पीड़ित को ठग गिरोह के बदमाशों ने खुद को महिला बाल विकास विभाग का बताया फिर विभाग द्वारा संचालित की जा रही मातृत्व योजना की जानकारी दी। योजना में जोड़ने के नाम से कुछ शुल्क ट्रांसफर करने का बोला। यूपीआई पेमेंट से रिक्वेस्ट भेजकर प्रोसेस करवाई। फिर रिमोट एप्लीकेशन से फरियादी के मोबाइल को ऑपरेट कर 98 हजार रुपए की धोखाधड़ी कर ली। केस-3 : पीएम किसान योजना की एपीके भेज, 99 हजार ठगे तीसरे पीड़ित को बदमाशों ने एक अनजान वाट्सएप ग्रुप में जोड़ा फिर पीएम किसान योजना की एपीके फाइल भेजी गई। योजना से जुड़ने का मैसेज भेजकर उक्त फाइल पीड़ित के मोबाइल में डाउनलोड करवा दी। जैसे ही उसने फाइल डाउनलोड की, उसके क्रेडिट कार्ड से 99 हजार रुपए का ऑनलाइन फ्रॉड हो गया। कुछ सावधानियां बरत कर ऐसे बच सकते हैं फ्रॉड से 1. शासकीय योजना के लाभ बताने वाले किसी भी अनजान नंबर या सोशल मीडिया ग्रुप में आए मैसेज पर भरोसा न करें। 2. संबंधित विभाग में जाकर योजनाओं की जानकारी लें और उनके ऑफिशियल नंबर व रजिस्टर्ड ई-मेल पर ही संपर्क करें। 3. शासकीय योजना/ सब्सिडी/ लोन आदि के लाभ बताने वाले अनजान नंबरों से आए मैसेज पर एप्लीकेशन लिंक या एपीके फाइल देख कभी डाउनलोड न करें। 4. अनजान व्यक्ति कॉल करे और शासकीय योजना का लाभ देने की बात कहे या स्वयं को सरकारी अधिकारी बताते हुए झांसे में ले तो भरोसा न करें। बैंकिंग एवं निजी जानकारी साझा न करें। 5. फ्रॉड होने पर तत्काल 1930 (एनसीआरपी) पोर्टल या इंदौर पुलिस के साइबर हेल्पलाइन नंबर 704912–4445 पर शिकायत करें।