चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालकों के रिक्त पदों पर आउटसोर्स कर्मचारी रखे जाने के निर्णय का व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है। विभिन्न कर्मचारी संगठन इसे चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालकों के नियमित पदों को समाप्त करने की साजिश बता रहे हैं। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी का कहना है कि ये 77 हजार पदों को समाप्त करने की सोची समझी रणनीति है। बता दें कि 18 नवंबर को वित्त विभाग ने अगले 5 साल में 2.50 लाख कर्मचारियों की सीधी भर्ती का शेड्यूल जारी किया है, जिसमें दोनों पदों पर आउटसोर्स कर्मचारी रखे जाने का उल्लेख है। तिवारी कहते हैं कि 5 साल में भर्ती का यह शेड्यूल चतुर्थ श्रेणी के 62 हजार और वाहन चालकों के 15 हजार नियमित पदों को समाप्त किए जाने की ओर इशारा कर रहा है। ऐसी ही रणनीति बनती रही तो आने वाले समय में नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं वाहन चालक किसी भी विभाग में नजर नहीं आएंगे। सब जानते हैं आउटसोर्स कर्मचारियों का कितना शोषण होता है। आउटसोर्स के नाम पर ठेकेदार चांदी काटते हैं। तिवारी ने मुख्यमंत्री से मांग की कि इन तथ्यों पर ध्यान देते हुए चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालक के रिक्त पदों पर नियमित कर्मचारियों की ही भर्ती की जाए।