फास्फेट डीएपी में मिलावट पर खाद दुकान सील:वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी की शिकायत पर निंबोला थाने में मामला दर्ज

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निंबोला थाना पुलिस ने धूलकोट स्थित मेसर्स शैफाली एग्रो खाद बीज दुकान के मालिक पर एफआईआर की। गुरुवार को एक किसान ने तहसील कार्यालय में डीएपी खाद की शिकायत की थी। जिसके बाद कृषि विभाग के अधिकारियों ने दुकान पर कार्रवाई करते हुए सील कर दिया। दरअसल, एक दिन पहले एक किसान डीएपी खाद की बोरी लेकर तहसील कार्यालय धूलकोट पहुंचा था। किसान ने धूलकोट तहसीलदार उदयसिंह मंडलोई को शिकायत की थी कि डीएपी खाद में बालू रेत की मिलावट है। 50 किलो की बोरी में आधी मात्रा बालू रेत की मिली। किसान कैलाश पिता भाईलाल ने शिकायत की थी कि उसने शैफाली एग्रो से तीन बोरी डीएपी खाद खरीदी थी। खाद के दाने अलग दिख रहे थे। जब एक किलोग्राम अनाज को पानी में धोया गया तो आधा अनाज पानी में घुल गया और आधा रेत निकला। इसके बाद टीम ने मौके पर पहुंचकर नमूने लिए और खाद गोदाम को सील कर दिया। जांच कर निंबोला थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर इसे लेकर वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी श्रीराम पाटिल ने निंबोला थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। शिकायत में उन्होंने कहा कि दुकान संचालक सौरभ गंगराड़े निवासी धूलकोट के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3-7 के तहत केस दर्ज किया जाए। श्रीराम पाटिल ने 21 नवंबर को दोपहर 1:30 बजे मैसर्स शैफाली एग्रो, धूलकोट का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान उनके साथ तहसीलदार धूलकोट उदय सिंह मंडलोई, कृषि विस्तार अधिकारी बीएस वास्कले, पटवारी मनोज डाबर मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान विक्रेता के सामने मौजूद उर्वरक की मात्रा 50 किलोग्राम, पोटाश 6750 किलोग्राम और दूसरी कंपनी का उर्वरक 850 किलोग्राम पाया गया। पूछताछ के दौरान न तो आवश्यक दस्तावेज मिले और न ही पीओएस मशीन का रखरखाव किया गया, जबकि डीएपी की बिक्री प्वाइंट ऑफ सेल यानी पीओएस मशीन के माध्यम से ही की जाती है। जिसके बाद गोदाम को सील कर जब्तीनामा बनाया गया और प्रत्येक उर्वरक का नमूना लिया गया। वहीं, सौरभ गंगराड़े संचालक शैफाली एग्रो के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3-7 के तहत निंबोला थाना पुलिस ने केस दर्ज किया।