राघौगढ़ में पटवारी ने ली ऑनलाइन रिश्वत:SDM ने किया सस्पेंड; पटवारी का जवाब- उधारी के पैसे वापस लिए थे

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जिले के राघौगढ़ इलाके में पदस्थ एक पटवारी को सस्पेंड कर दिया गया है। पटवारी पर आरोप है कि उन्होंने आवेदक की जमीन की ऑनलाइन एंट्री करने के लिए रिश्वत मांगी। उन्होंने रिश्वत के कुछ पैसे फोन पे के माध्यम से लिए। वहीं पटवारी ने इन आरोपों को गलत बताया। राघौगढ़ SDM ने पटवारी को सस्पेंड कर दिया है। जानकारी के अनुसार, राघौगढ़ इलाके के सुआखेड़ी गांव के रहने वाले राजू पुत्र रामप्रसाद कुशवाहा ने विधायक जयवर्धन सिंह को शिकायती पत्र दिया था। आवेदन में बताया गया कि ग्राम पंचायत सावरीनाथ में पदस्थ पटवारी मेघा राजौरिया ने राजू कुशवाहा की भूमि को आनलाइन दर्शाने के लिए 15 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। शिकायती आवेदन पर कलेक्टर ने SDM को जांच कर प्रतिवेदन देने के लिए निर्देशित किया। 15 हजार रुपए मांगे, 5 हजार फोन-पे किए SDM ने जांच के लिए तहसीलदार राघौगढ़ को पत्र लिखा। तहसीलदार ने मामले की जांच की। उन्होंने आवेदक राजू कुशवाह के बयान दर्ज किए। इसमें राजू कुशवाहा ने बताया कि उसने वर्ष 2002 में ग्राम चांदनभेट में जमीन खरीदी थी। इसका नामांतरण भी ही गया था और हस्तलिखित खसरा में भी नाम आ गया था, लेकिन बाद में कम्प्यूटर खसरा में नाम नहीं आया। नाम चढ़ाने के लिए पटवारी मेघा राजौरिया ने 15 हजार रुपए मांगे थे, जिसमें 10 हजार रुपए नगद और 5 हजार रुपए फोन-पे किए। बाद में पटवारी ने 10 हजार और मांगे, जिससे बात बिगड़ गई। इसके बाद उसने शिकायत की थी। पटवारी का जवाब- मुझसे उधार पैसे लिए थे तहसीलदार ने पटवारी मेघा राजौरिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। पटवारी ने अपने जवाब में कहा कि राजू पुत्र रामप्रसाद कुशवाहा उनके प्रभार के मजरा सूआखेडी में कोई भी शिकायत, गांव की सामान्य जानकारियां और गांव की समस्याओं को उन तक पहुंचाने के लिए वालिंटयर के हिसाब से कार्य करता रहता था। वह समय-समय पर उन्हें गांव की जानकारी देता रहता था। वह जरूरत पड़ने पर नगद राशि भी लेता रहता था। पटवारी ने बताया कि एक दिन राजू ने उनसे कहा कि उसे खाद बीज लेने के लिए 5 हजार रुपए की जरूरत है। फसल आने पर वह वापस लौटा देगा। पटवारी ने राजू को 5 हजार रुपए दे दिए। पटवारी 21 अप्रैल को ग्राम जैतपुर में कार्य कर सूआखेडी में थीं। उन्होंने राजू से पैसे वापस करने को कहा तो उसने कहा कि दो चार दिन में पैसे की व्यवस्था कर फोन-पे पर भेज देगा, इसलिए पटवारी ने भी कह दिया कि ठीक है। 25 अप्रैल को राजू ने फोन-पे पर पैसे भेज दिए। वह पैसे उनके खुद के थे ना कि रिश्वत की राशि। राजू ने जो रिश्वत की शिकायत की है, वह झूठी है। तहसीलदार ने पटवारी को किया सस्पेंड जांच के बाद तहसीलदार ने प्रतिवेदन SDM को भेजा। प्रतिवेदन में कहा कि राजू ने जमीन खरीदी थी। उसकी ऑनलाइन एंट्री नहीं हुई है। प्राथमिक तौर पर राजू की शिकायत सही है। वहीं पटवारी मेघा राजौरिया का जवाब संतुष्टिपूर्ण नहीं है। प्रतिवेदन के आधार पर राघौगढ़ SDM विकास कुमार आनंद ने पटवारी मेघा राजौरिया को सस्पेंड कर दिया है। गुरुवार को उन्हें सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए।