सीहोर नगर पालिका के अतिक्रमण प्रभारी एई रमेश वर्मा को लोकायुक्त पुलिस ने घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था, लेकिन एक सप्ताह बाद भी शासन स्तर पर उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। दरअसल 11 नवंबर को लोकायुक्त पुलिस ने सीहोर नगर पालिका में एक छापेमारी की थी। शिकायतकर्ता सुरेश दांगी ने लोकायुक्त से शिकायत की थी कि एई रमेश वर्मा ने प्लॉट पर मकान निर्माण की अनुमति देने के बदले 70 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। जांच में ये पाया गया कि वर्मा ने अपने सहयोगी आर्किटेक्ट अंशुल जैन के माध्यम से 20 हजार रुपए की रिश्वत ली। लोकायुक्त टीम ने इस पर कार्रवाई करते हुए दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया। ये है मामला-
शहर के लुनिया चौराहा निवासी शिकायतकर्ता सुरेश दांगी अपने निजी प्लॉट पर मकान निर्माण के लिए अनुमति चाहते थे। उन्होंने दावा किया कि उनके पास सभी आवश्यक दस्तावेज, जैसे रजिस्ट्री, नामांतरण और डायवर्जन मौजूद थे। इसके बावजूद अनुमति के लिए रिश्वत मांगी जा रही थी। इसकी शिकायत आवेदक ने भोपाल लोकायुक्त एसपी से थी। लोकायुक्त टीम ने शिकायत की जांच के बाद सुरेश दांगी को 20 हजार रुपए के नोट दिए। इन नोटों को सुरेश ने एई के सहयोगी को सौंपा, जिसे झोले में रखकर वो चलता बना। टीम ने देखा और तुरंत एई वर्मा के कैबिन में जा पहुंची। विजय कोरी को सौंपा एई का प्रभार
लोकायुक्त की कार्रवाई में एई वर्मा के ऑफिस को सील कर दिया गया और विजय कोरी को एई का प्रभार सौंपा गया। हालांकि अभी तक वर्मा पर शासन स्तर पर कोई निलंबन या कार्रवाई नहीं की गई है। ‘निर्देश अनुसार होगी कार्रवाई’
नपा सीएमओ भूपेन्द्र दीक्षित ने कहा कि लोकायुक्त की कार्रवाई के बारे में शासन को सूचित कर दिया गया है। शासन से जो निर्देश मिलेंगे, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।