क्राइम ब्रांच ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने हाल ही में एक इलेक्ट्रिक कंपनी में काम करने वाले बुजुर्ग के साथ हुई डिजिटल ठगी की वारदात में नकली सीबीआई अफसरों को अपने नाम से कमीशन पर बैंक अकाउंट उपलब्ध कराए थे। इन दोनों के अकाउंट में करीब 40 लाख 70 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए थे। क्राइम ब्रांच अब इनसे नकली अफसरों के बारे में रिमांड लेकर पूछताछ कर रही है। क्राइम ब्रांच के एडीशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक NCRP पोर्टल पर 71 वर्षीय रिटायर्ड इंदौर निवासी बुजुर्ग ने डिजिटल ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। बुजुर्ग के मुताबिक, 3 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजे उनके मोबाइल पर एक व्हाट्सएप कॉल आई। कॉलर ने खुद को मुंबई के बांदा पुलिस स्टेशन का अधिकारी बताते हुए कहा कि कैनरा बैंक से 2 करोड़ 60 लाख रुपये का रि-ट्रांजेक्शन हुआ है। इसके बदले 15% कमीशन अकाउंट में ट्रांसफर करने की बात कही गई। कॉलर ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की फर्जी कॉपी भी दिखाई और एक नकली सीबीआई अफसर से बात कराई। इसके बाद बुजुर्ग के अकाउंट से करीब 40 लाख 70 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए। अकाउंट डिटेल्स से पता चला आरोपियों का क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच की और अकाउंट डिटेल्स के आधार पर पता चला कि पैसे हिम्मत भाई पुत्र वालजी भाई देवानी (निवासी सूरत) और अतुल गिरी गोस्वामी पुत्र ईश्वर गिरी गोस्वामी (निवासी कच्छ) के अकाउंट में डाले गए थे। दोनों आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने अपने नाम से अकाउंट उपलब्ध कराने की बात कबूल की है। क्राइम ब्रांच अब कॉल करने वाले नकली अफसरों की जानकारी जुटा रही है।