प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा और जिले के प्रभारी मंत्री नरेंद्र पटेल ने जिलास्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने जिला अस्पताल का निरीक्षण भी किया। जिला अस्पताल को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप में देने के विरोध पर उन्होंने कहा कि इसके जो टेंडर में शर्तें हाेगी वो सामने आएगी, जो कुछ भी होगा जनता के हित में होगा। जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान वे यहां शिशु वार्ड और एनआईसीयू कक्ष में भी पहुंचे। वहां उन्होंने वार्डों की व्यवस्था को देखा और इसकी सराहना की। प्रभारी मंत्री ने इस दौरान जिला अस्पताल को पीपीपी मॉडल के तहत प्राइवेट कंपनी को दिए जाने के सवाल पर कहा कि टेंडर में सभी शर्तें सामने आएगी। इसके पहले प्रभारी मंत्री पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने बताया कि सरकार पीपीपी मोड पर जाना चाहती है। इस दिशा में लगातार काम कर रही है। अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी इसलिए है, कि पूर्ववर्ती सरकार ने ऐसी योजना ही नहीं बनाई। 60 साल बाद जितने डॉक्टर उपलब्ध होना था, नहीं हुए। भाजपा सरकार ने प्रदेश में 18 मेडिकल कॉलेज शुरू कर दिए। जबकि कांग्रेस शासन में सिर्फ 5 मेडिकल कॉलेज थे। मंत्री ने बताया कि जिले के 554 गांवों में धरती आबा अभियान के तहत 25 योजनाओं पर काम करना है। अधिकतर योजनाओं का डीपीआर बनाया गया है। पूरे देश में इस पर 80 हजार करोड़ खर्च होगा। जिनमें 7 हजार गांव शामिल है। योजना के तहत एक गांव में 12 करोड़ खर्च होगा। इससे उसे आदर्श गांव बनायेंगे। उन्होंने बताया कि आदिवासी उत्थान की दिशा में जिले में अच्छी पहल हुई है। जनजाति होम स्टे से पर्यटन बढ़ेगा, हर घर का विद्युतीकरण हो, शासकीय भवनों में सोलर पैनल लग जाए। इस पर काम चल रहा है। योजनाओं में प्रथम आने पर की सराहना प्रभारी मंत्री ने इस दौरान जिले में आयुष्मान कार्ड के निर्माण, अभिलेख दुरुस्ती में अव्वल आने पर अधिकारियों की सराहना की। प्रभारी मंत्री ने बताया कि जिला पूरे प्रदेश में 70 साल के बुजुर्गों के आयुष्मान कार्ड बनाने में प्रथम स्थान पर आया है। यहां 50 हजार से ज्यादा कार्ड बने है। जिले में इस समय सक्षम आंगनवाड़ी बनाने के 45 प्रस्ताव है। सभी गांव को 4जी-5जी से जोड़ने के प्रयास हो रहे है। फिलहाल मोबाइल नेटवर्क से 440 गांव जुड़ गए है। राजस्व अभियान की तारीफ की मंत्री ने बताया कि प्रदेश में तीसरा राजस्व अभियान शुरू किया गया है। बैतूल जिला अभिलेख दुरुस्त करने के मामले में प्रदेश में नंबर वन पर है। स्वामित्व योजना में भी अव्वल है। यहां परंपरागत रास्तों को चिह्नांकित कर रहे है। प्रधानमंत्री आवास में 70 हजार का लक्ष्य था, जिसमें 95 प्रतिशत उपलब्धि मिली है। यहां 67 हजार से ज्यादा आवास बन गए है।