गुना जिले के बमोरी में खाद न मिलने से एक किसान द्वारा आत्महत्या कर लेने के मामले में कांग्रेस ने मोहन सरकार को घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना पर कहा है कि एमपी में तालिबानी शासन चल रहा है। सरकार नशे में मदमस्त होकर किसानों को रौंद रही है। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने एक्स पर ट्वीट कर आत्महत्या करने वाले किसान का वीडियो अपलोड किया है। साथ ही कहा है कि सरकार न खाद दे पा रही और न ही बिजली उपलब्ध करा पा रही है। इससे किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना का एक्स पर जिक्र करते हुए कहा कि, गुना जिले के झागर गांव के किसान भगवत किरार की दिन भर खाद की लाइन में खड़े रहने के बाद शाम को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की खबर विचलित करती है। मृतक किसान ने खाद न मिलने पर वीडियो जारी कर खाद वितरण व्यवस्था में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की बात कही थी। एक किसान का बीजेपी सरकार पर खुलेआम भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के कुछ ही घंटे बाद उसकी मृत्यु की खबर कई सवालों और संदेहों को जन्म देती है। प्रशासन ने पोस्टमार्टम बिना करा दिया अंतिम संस्कार पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि, मृतक किसान का पोस्टमार्टम कराए बिना ही आनन फानन में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे मृत्यु की असली वजह सामने नहीं आ सकी। कुछ लोग इसे दबी ज़ुबान खाद न मिलने से त्रस्त होकर किसान द्वारा आत्महत्या करने का मामला भी बता रहे हैं। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री से कहा है कि मध्यप्रदेश में खाद बीज की क़िल्लत विकराल रूप ले चुकी है, सरकार पता नहीं किस नशे में मदमस्त होकर किसानों को रौंद रही है। अन्नदाता सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, तो शाम को उसकी मृत्यु की खबर आ जाती है। मध्यप्रदेश में ये कौन सा तालिबानी शासन चल रहा है ? अरुण यादव ने कहा आत्महत्या न करें किसान किसान की आत्महत्या के मामले में कांग्रेस नेता अरुण सुभाष यादव ने भी ट्वीट किया है। यादव ने लिखा है कि खाद न मिलने से परेशान किसान ने आत्महत्या कर ली। गुना जिले की बमौरी विधानसभा क्षेत्र में डीएपी खाद न मिलने पर ग्राम झागर के किसान भगवत किरार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, प्रशासन ने बिना पोस्टमॉर्टम करवाएं आनन फानन में मृतक किसान का दाह संस्कार भी करवा दिया। मृतक किसान के परिजनों का आरोप है कि ग्राम धाननखेड़ी में खाद लेने गए थे, लम्बे समय तक लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल पाई, इसी के चलते वह अवसाद में आ गए थे और आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया । आखिर भाजपा सरकार किसानों की चिंता कब करेगी और उनके लिए खाद कब उपलब्ध करवाएगी ? क्योंकि किसान खरीफ की फसल एवं सरकार की उदासीनता की वजह से पहले से ही परेशान है। अब उसे रबी की फसल से उम्मीद है फिर भी न समय पर खाद है न बिजली मिल रही। यादव ने कहा कि मेरी किसान साथियों से प्रार्थना है कि आत्महत्या जैसा कोई कदम न उठाएं, क्योंकि इससे सबसे ज्यादा पीड़ा आपके परिजनों को ही होगी। वीडियो में यह कहा किसान भगवत ने किसान भगवत द्वारा बनाए गए वीडियो में वह कह रहे हैं कि मैं एक गरीब छोटा सा किसान हूं। मेरी पास थोड़ी सी जमीन है। अब तक एक दाना खाद नहीं मिल सकी है। पांच साल के बच्चों को पालना मुश्किल हो रहा है। मेरी महेंद्र भाईसाब से अपील है कि आपने अच्छा किया कि मोदीजी से खाद की रैक मंगवा दी पर खाद सही नहीं बंट रहा है। जिसके पास जितनी जमीन है, उतनी खाद दी जाए। किसान 20-20 बच्चों को गोद में लेकर आधार कार्ड के साथ खाद के लिए भटक रहे हैं। आधार कार्ड के आधार पर खाद देंगे तो कैसे दो बीघा जमीन वाले किसानों को खाद मिल पाएगी। भगवत ने वीडियो में तहसीलदार पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इनके कारण दंगा, विवाद हो रहा है। महेंद्र भाईसाब से विनती करता हूं कि नियम से खाद बंटवाया जाए ताकि आपसी विवाद न हों, लड़ाई न हो।