‘सिटी ऑफ म्यूजिक’ ग्वालियर का ऐतिहासिक किला शनिवार की शाम पूरब और पश्चिम की तहजीबों के अद्भुत संगम का साक्षी बना। पश्चिमी देशों से आए कलाकारों और समृद्ध कला संस्कृति को समेटे भारतीय कलाकारों की साझा प्रस्तुतियों से संपूर्ण किला सराबोर हो गया। मौका था किले के उत्तरी छोर पर स्थित जौहर कुंड के समीप सतरंगी रोशनी के साए में सजी अंतर्राष्ट्रीय कला उत्सव ‘पैनोरमा एडिशन’ संध्या का। पैनोरमा एडिशन से ग्वालियर चंबल-अंचल की ऐतिहासिक धरोहरों को भी विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों ने देखा। विदेशी कलाकारों ने ग्वालियर की धरोहरों को दिखा मध्यप्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित हुए कला उत्सव ‘ए स्ट्रीट कार्ट नेम्ड डिजायर’ में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने एक नॉन स्टॉप ऑपेरा में पिरोकर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं। इन सबके बीच भारतीय शास्त्रीय संगीत और लोक रंगों ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। पैनोरमा एडिशन में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों ने ओपेरा, शास्त्रीय संगीत, पाश्चात्य व देशी लोक नृत्य सहित अन्य कलात्मक अभिव्यक्तियों की एक विविध श्रृंखला को साकार कर दिया। ग्वालियर में आयोजित हुआ पैनोरमा एडिशन का यह चौथा संस्करण था इस एडिशन की रचना फिल्म निर्माता सारा सिंह की थी। इस आयोजन में सांस्कृतिक केन्द्रों की साझेदारी भी रही ग्वालियर के इस ‘पैनोरमा एडिशन’ में विश्व के 15 से अधिक देशों के राजनयिक दूतावासों और सांस्कृतिक केन्द्रों की साझेदारी रही। जिसमें जर्मनी, पॉलैंड, स्पेन, इटली, ग्रीस, हंगरी, स्विटजरलैंड, पुर्तगाल, बैल्जियम, ऑस्ट्रिया, स्वीडन, नीदरलैंड, डैनमार्क, यूक्रेन, ग्वाटेमाला और लिथुआनिया देश शामिल है। बिना कुछ कहे भाव भंगिमाओं से सबकुछ बयां किया ग्वालियर किले पर ‘पैनोरमा एडिशन’ की प्रस्तुति की शुरुआत हूलाला नृत्य व भारतीय शास्त्रीय संगीत की सुमधुर प्रस्तुति के साथ हुई। इसके बाद फ्लेमेंगो डांस व सेक्सोफोनिस्ट सहित अन्य पाश्चात्य व हिन्दुस्तानी प्रस्तुतियों के फ्युजन ने समा बांध दिया। मूलत: एक सायलेंट प्ले के रूप में अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों ने नॉन स्टॉप ओपेरा के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी। जिसमें कलाकारों ने बिना कुछ कहे अपनी भाव भंगिमाओं से सबकुछ बयां कर दिया। मध्यकालीन में सजी किले पर महफिल ग्वालियर दुर्ग पर भीमसेन राणा की छत्री, जौहर कुंड, जहांगीर महल व कर्ण महल सहित अन्य ऐतिहासिक धरोहरों के बीच सजी “पैनोरमा एडिशन” की इस संध्या में एक बारगी ऐसा महसूस हुआ जैसे किले पर किसी मध्यकालीन राज दरबार में संगीत महफिल सजी है। फ्रांस व स्पेन सहित अन्य देशों के राजनयिक व प्रतिनिधिगण इस लाइव प्रदर्शन के प्रत्यक्ष साक्षी बने। ग्वालियर में पहली बार हुआ पैनोरमा एडिशन का संस्करण बता दें कि पैनोरमा एडिशन के पिछले संस्करणों का आयोजन पटियाला, जोधपुर और जैसलमेर के विरासत स्थलों पर किया गया था। यह आयोजन पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, ग्वालियर जिला प्रशासन, यूनेस्को, जयविलास पैलेस, राजदूत मोनिका, कपिल मोहता और सोपान के सिद्धांत के सहयोग से किया गया। संगीत सिटी ग्वालियर के ऐतिहासिक किले के पर एक अद्भुत नजारा दिखाई दिया, यहां 23 देश के 40 से अधिक कलाकारों ने म्यूजिक, डांस ,और ड्रामा की प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। खास बात यह रही पैनोरमा एडिशन में वेस्टर्न और इंडियन म्यूजिक एंड आर्ट का फ्यूजन दिखाई दिया। पैनोरमा एडिशन के प्रोड्यूसर सिद्धांत मोहता ने कहा कि इस तरह का आयोजन संगीत नगरी ग्वालियर में होना एक गव की बात है ग्वालियर को यूनेस्को ने सिटी आफ म्यूजिक का दर्जा दिया है ऐसे में विभिन्न देशों के कला एवं संस्कृति का संगम ग्वालियर के किले पर पैनोरमा एडिशन में देखने को मिला है। इससे विदेश में भी ग्वालियर शहर का नाम पर्यटन की दृष्टि में जुड़ रहा है इसमें विभिन्न देशों के राजदूत भी शामिल हुए हैं और 60 से अधिक देशों के डेलिगेट्स भी शामिल हुए हैं। ग्वालियर किले पर इस कार्यक्रम को देखने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे और इस कार्यक्रम को देखकर बेहद प्रसन्नित हुए।