बाल दिवस, जो बचपन की खुशी और मासूमियत का प्रतीक है, इस बार रेड रोज स्कूल, लामबखेड़ा में 14 नवंबर को बड़े धूमधाम से मनाया गया। स्कूल के ऑडिटोरियम में आयोजित इस खास कार्यक्रम में शिक्षकों ने अग्रणी भूमिका निभाते हुए बच्चों के लिए कई दिलचस्प सांस्कृतिक और खेल कार्यक्रमों का आयोजन किया, जो सभी के दिलों में छाप छोड़ गए। कार्यक्रम की शुरुआत एक रंगीन और संवादात्मक सभा से हुई, जिसमें शिक्षकों ने अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया। आकर्षक नृत्य प्रस्तुतियों और जोशीले गीतों से शिक्षकों ने बच्चों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद, छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर एंटीक्सारी जैसे खेलों का आनंद लिया, जो बच्चों के लिए बेहद मनोरंजन से भरे थे। बच्चों के साथ खेलते हुए शिक्षकों ने उनके लिए खास गाने भी समर्पित किए, जिससे वातावरण और भी खुशनुमा हो गया। बच्चों की हंसी, खुशी और मस्ती ने इस दिन को वाकई यादगार बना दिया। यह दिन केवल खेलों और मस्ती का दिन नहीं था, बल्कि यह बच्चों और शिक्षकों के बीच गहरे रिश्ते को भी दर्शाता था। शिक्षकों ने न केवल बच्चों के लिए इस दिन को खास बनाने के लिए अपनी मेहनत दिखाई, बल्कि अपना प्यार और देखभाल भी प्रदर्शित किया।
“बाल दिवस का यह आयोजन बच्चों को सिर्फ खुशियों से भरने वाला नहीं था, बल्कि यह उन्हें सच्ची खुशियों और जीवन की अहम सीख भी देने का एक अद्भुत प्रयास था।” रेड रोज स्कूल लामबखेड़ा में इस दिन का आयोजन न केवल एक मनोरंजन का माध्यम था, बल्कि यह एक प्रेरणादायक और समृद्ध माहौल का प्रतीक बनकर बच्चों की यादों में हमेशा के लिए बसा रहेगा।