समझदारी से ठगों का शिकार होते बचा ऑफिसर:रिटायर्ड नारकोटिक्स ऑफिसर पत्नी सहित हुए डिजिटल अरेस्ट, पुलिस ने 24 घंटे में मुक्त कराया

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ग्वालियर में साइबर ठगों ने एक दिन पहले रिटायर्ड नारकोटिक्स अफसर को पत्नी सहित डिजिटल अरेस्ट कर लिया। ठगों ने CBI अफसर बन कर नारकोटिक्स अफसर राकेश कुमार गुप्ता को उनका क्रेडिट कार्ड मनी लॉड्रिंग के मामले में पकड़े नरेश गोयल के पास से बरामद होने की बात कही। साथ ही डराया कि इसमें 17 FIR राकेश के नाम पर दर्ज होने हैं। ठगों ने राकेश को उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से दो गिरफ्तारी वारंट जारी होने की बात भी बताई। रिटायर्ड ऑफिसरर और उनकी पत्नी यहां अकेले रहते हैं। उनकी बेटा और बेटी दिल्ली और आबूधाबी में रहते हैं। ठगों ने राकेश कुमार गुप्ता को CBI के अरेस्ट वारंट भी भेजे। ये ठग रविवार को दोनों पति-पत्नी को तब तक अरेस्ट किए रहे, जब तक उनका फोन डिस्चार्ज नहीं हो गया। सोमवार को सुबह जब फोन को चार्ज कर शुरू किया तब ठगों का वाट्सएप पर फिर वीडियो कॉल उनके पास आ गया। ठगों ने राकेश कुमार को बैंक पहुंचकर आरटीजीएस के 1,11930 लाख रुपए ट्रांसफर करने को कहा और वीडियो कॉल लगातार जारी रखा। राकेश कुमार बैंक गए और आरटीजीएस फार्म भी भर लिया। तभी ठग ने कहा कि किसी से कोई बात नहीं करना नहीं तो जान का खतरा भी हो सकता है। इस पर राकेश को समझ आया कि पुलिस जान की धमकी नहीं देती। इस पर राकेश कुमार बैंक से सीधे एसपी ऑफिस स्थित साइबर सेल पहुंचे। पुलिस से ठग बोले-आप सीबीआई से पूछताछ करेंगे
साइबर सेल प्रभारी रजनी रघुवंशी ने वीडियो कॉल कर रहे ठग से बात कर पूछताछ की। जब साइबर सेल अधिकारियों ने वीडियो कॉल कर रहे फर्जी CBI ऑफिसर से उसकी थाने और शहर के संबंध में पूछताछ की तब ठग ने कहा कि आप CBI ऑफिसर से पूछताछ करेंगे। इस पर जब पुलिस ने बताया कि हम जानते हैं और तुम तक अभी पहुंचकर बताते हैं कौन क्या है, इस पर ठग ने फोन काट दिया।
डिजिटल अरेस्ट में इन लोगों को ठग चुके हैं
– एक अफसर को डिजिटल अरेस्ट कर 68.49 लाख रुपए ठगे गए थे। मुंबई क्राइम ब्रांच का डीसीपी बनकर कहा कि उसके नाम से 200 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स का पार्सल पकड़ा गया है। मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी बताया।
– रिटायर्ड लेक्चरर से कस्टम अधिकारी बनकर बात की। ठग ने बताया कि उनके आधार नंबर का गलत इस्तेमाल कर एक पार्सल कंबोडिया भेजा गया है। गिरफ्तारी का डर दिखाकर उन्हें 7 दिन तक हाउस अरेस्ट रखा।
डरें नहीं… इनकी रिपोर्ट करें
इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (आई- 4सी) की एडवाइजरी है- लालच, लापरवाही और डर छोड़ें। सोच समझकर क्लिक करें।
– कॉल के जरिए आपके नाम से नकली पार्सल में अवैध मादक पदार्थ या अवैध गतिविधियों में लिप्त होने के नाम से डराया जाता है।
– नकली पुलिस अधिकारी आपको वीडियो कॉल पर बने रहने के लिए बाध्य करते हैं।
– 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime. gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।
सायबर पुलिस की एडवाइजरी
-जालसाज एनसीबी, सीबीआई, ईडी और एनआईए एजेंसी के अधिकारी बनकर डराते हैं।
– अनजान नंबर खासकर +92 से आने वाला कॉल रिसीव न करें।
– भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई कानून नहीं, किसी के कहने पर खुद को कहीं बंद न करें।
– कोई भी संस्था आपका पैसा किसी भी शासकीय खाते में जमा करने की सलाह नहीं देता।
– अनजान खाते में पैसा ट्रांसफर न करें।
पुलिस का कहना
टीआई अजय पवार का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट के एक मामले में फरियादी ने समझदारी दिखाई वह हम तक पहुंचा तो उनको और उनके परिवार को तत्काल मुक्त करा लिया गया है।