जिले के किसान रासायनिक उर्वरक डीएपी व एनपीके के लिए परेशान हो रहे हैं। विभागीय अधिकारी पर्याप्त स्टॉक का दावा कर रहे हैं लेकिन स्थिति इसके विपरीत बनी हुई है। सहकारी समितियों में पर्याप्त डीएपी व एनपीके नहीं पहुंच रहा है। जिले के किसान व्यापारियों से निर्धारित दर से अधिक भाव में डीएपी खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। गत दिनों कुछ डीएपी व एनपीके जिले के लिए पहुंचा, जो कि रबी सीजन में किसानों को गेहूं चने की फसल बोने के लिए पर्याप्त नहीं है। मार्कफेड विभाग बार-बार पर्याप्त स्टॉक होने की बात बता रहा है जबकि जमीनी हकीकत अलग है। सहकारी समितियों के गोडाउन डीएपी व एनपीके के अभाव में खाली है। कई सहकारी समितियों में किसानों को उनके आवश्यकता अनुसार दूसरा खाद दे रहे है। किसानों का कहना है कि उन्हें डीएपी व एनपीके की जरूरत है। यह इस बार पर्याप्त नही मिल पा रहा है। कई स्थानों पर नहीं खाद
खाद को लेकर किसानों की हर दिन गांव से लेकर शहर तक दौड़ भाग लगी हुई है, कहीं से भी हो बस खाद मिल जाना चाहिए। किसानों का कहना है कि इस सीजन में यूरिया तो मिल रहा है। इसके अलावा किसानों को डीएपी व एनपीके की आवश्यकता होती है जो पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिले की 94 सहकारिता समितियों में से कई स्थानों पर यूरिया डीएपी व एनपीके खत्म हो चुका है। जहां है वहां खातेदार किसानों को ही दिया जा रहा है, बाकि शहर व अन्य जगहों स्व नकद वितरण और निजी के केंद्रों पर सुबह कतार में लगकर खरीदने को मजबूर है। गांवों से खाद के लिए आए किसान रतनलाल यादव ने बताया कि सोसाइटी व नगद वितरण केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। 5 लाख हेक्टेयर में बोवनी
रबी सीजन में बोवनी का काम शुरू हो चुका है। कुछ किसानों में सूखे खेतों में बोवनी कर दी है व उसके बाद गेहूं में पानी देने का काम कर रहे हैं। कुछ किसान पहले पानी दे रहे हैं उसके बाद खेत में गेहूं की बुवाई का कार्य कर रहे है। महज एक पखवाड़े में क्षेत्र में लगभग बोवनी होने की संभावना है। इस 5 लाख हेक्टेयर में रबी के बोवाई ह्यो रही जिसमे 3 लाख 20 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी की जाना है। वहीं 65 हजार हेक्टेयर में चना, 6 हजार हेक्टेयर में मटर व 10 हजार हेक्टेयर में मक्का की बोवनी का लक्ष्य है। वही इन सब फसलों में डीएपी व एनपीके की बोवाई के साथ गेंहू में डालने की आवश्यकता होती है। वही जिले में खाद भंडारण मार्कफेड करता है व उसी के जरिए सुसाइटीयो व केंद्रों की डिमांड के अनुसार पहुचाया जाता है व समय खाद मशीनों व केंद्रों में नही पहुंचता है जिसे भी किसानों को परेशान होना पड़ता है। यह स्थिति खाद की
खाद- उपलब्धता-वितरण-शेष
यूरिया- 36552-17359-19193
डीएपी- 7997-5536-2461
एनपीके- 16483-9246-7237
एसएसपी- 28985-12203-16782
एम.ओ.पी- 2786-788-1998