कायस्थ समाज समेत कई सामाजिक संगठनों ने शनिवार को शहर में भगवान चित्रगुप्त की भव्य शोभा यात्रा निकाली। जिसमें हर वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना एवं शोभा यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया। बैंडबाजों और डीजे पर बज रहे भजनों की धुन पर श्रद्धालु नाचते-गाते चल रहे थे। किलेअंदर स्थित बालाजी मंदिर में भगवान का पूजन कर शोभायात्रा का शुभारंभ किया गया। जो बड़ा बाजार, तिलक चौक, निकासा होते हुए माधवगंज कांच मंदिर पर पहुंची। जहा कांच मंदिर में मौजूद भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा की पूजा अर्चना की गई। उसके बाद इसका समापन किया गया। शोभा यात्रा में कवि महादेवी वर्मा, स्वामी विवेकानंद, लाल बहादुर शास्त्री, सुभाषचंद्र बोस सहित कई देशभक्तों के कटआउट रखे हुए थे। महिलाएं एक जैसी परिधान पहन कर भजन गाते हुए शोभायात्रा में शामिल हुई। वहीं, पुरुष वर्ग भी एक जैसे ड्रेस में चल समारोह में शामिल हुए। शोभायात्रा के दौरान रथ पर भगवान चित्रगुप्त जी की प्रतिमा को विराजमान किया गया था, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे। जगह-जगह हुआ स्वागत कई सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत किया और भगवान चित्रगुप्त का पूजन की गई। बताया गया कि दीपावली की यम द्वितीया की पूजा के बाद पड़ने वाले पहले रविवार को यह शोभायात्रा निकाली जाती है। जिसमें समाज में विभिन्न संगठन जो अलग-अलग काम कर रहे हैं , वह संयुक्त रूप से इसमें सम्मिलित होते हैं। मान्यताओं के अनुसार भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने से विद्या बुद्धि, आर्थिक उन्नति, ऐश्वर्य और वंश की निरंतर वृद्धि होती है। तथा उत्तम लोक की प्राप्ति होती है और धर्म एवं न्याय की रक्षा होती है।