दमोह के इमलाई गांव में सागर लोकायुक्त की टीम ने शुक्रवार दोपहर पटवारी को 15 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। किसान का आरोप है कि पटवारी ने सीमांकन के एवज में 20 हजार रुपए मांगे थे। किसान ने बताया पूरा घटनाक्रम शिकायतकर्ता जोगेंद्र अहिरवार ने बताया कि इमलाई मौजा में मेरी खेती की जमीन है। जिसे सीमांकन करने के लिए पटवारी तखत सिंह को आवेदन दिया था। उन्होंने दो बार मेरा आवेदन निरस्त किया और मुझसे कहा कि जमीन बेच दो। मैंने जमीन बेचने से मना किया तो उन्होंने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया और सीमांकन करने की आवाज में 20 हजार रुपए मांगे। करीब सप्ताह पर पहले मैंने सागर लोकायुक्त में शिकायत की थी। इसके बाद टीम मेरे साथ इमलाई आई और पटवारी से लेनदेन की रिकॉर्डिंग की गई। पहले मेरे बेटे ने पटवारी को 2 हजार रुपए दिए थे और 15 हजार और देने पर सीमांकन करने की बात तय हुई थी। एक दिन पहले बुधवार को मैं लोकायुक्त टीम के पास पहुंचा और 15 हजार जमा कराए थे। इसके बाद शुक्रवार दोपहर मैंने पटवारी तखत सिंह को फोन लगाया। उसने कहा कि मैं इमलाई के पंचायत भवन में बैठा हूं। मैं पैसे लेकर पहुंचा और जैसे ही मैंने पैसे दिए उसके बाद टीम को सूचना दे दी। सागर लोकायुक्त टीम की टीआई रोशनी जैन ने बताया कि पटवारी को 15 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। भ्रष्टाचार अधिनियम की धारों के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। आरोपी पटवारी बोला- मुझसे दुश्मनी निकाली आरोपी पटवारी तखत सिंह का कहना है कि किसान जोगेंद्र ने मुझसे पुरानी दुश्मनी निकाली है। उन्होंने अपनी खेती की जमीन के पास सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा था। जिसे प्रशासन के आदेश पर मैंने हटवाया था। इसके अलावा सरपंची का चुनाव को लेकर उन्होंने मुझसे कई बार यह शिकायत भी कि थी। मैंने दूसरे पक्ष की मदद की। इसलिए वो चुनाव हारे और इसी के चलते जोगेंद्र ने मुझे इस मामले में झूठा फंसाया है। 15 हजार जेब से मिलने पर पटवारी ने कहा कि किसान मेरे पास आया और अचानक मुझे पैसे रखने के लिए दे दिए। मैंने उससे कहा कि मैं किस बात के पैसे लूं, तो उसने कुछ नहीं कहा। इतने में टीम में आकर मुझे पकड़ लिया। पटवारी ने बताया कि सीमांकन करने का अधिकार आरआई को होता है। मुझे नहीं। मेरे पास किसान का कोई सीमांकन के लिए कोई आवेदन भी नहीं है। इसलिए उनके आरोप सरासर झूठ हैं।