भोपाल केमिस्ट एसोसिएशन ने ड्रग कंट्रोलर को लिखा पत्र:कहा-खाना डिलीवर करने वाली कंपनियां नहीं बेच सकती दवा

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भोपाल केमिस्ट एसोसिएशन ने ड्रग कंट्रोलर को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनियों से 10 मिनट में मेडिसिन डिलीवर कराने के अनुबंध का विरोध जताया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र धाकड़ ने बताया- खाना डिलीवर करने वाली कंपनियां दवा नहीं बेच सकती, क्योंकि उनका काम फूड चैन को मेंटेन रखना है। दवाओं का वितरण फॉर्मासिस्ट की देखरेख में ही हो सकता है। गलत दवा का वितरण सेहत के लिए हानिकारक भी हो सकता है। इसलिए ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर विरोध किया जा रहा है। भोपाल केमिस्ट एसोसिएशन ने भी विरोध जताया है। स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से जुड़ा खतरा हो सकता है
अध्यक्ष धाकड़ के अनुसार, एआईओसीडी ने भारत के डीसीजीआई को एक पत्र लिखकर कहा है कि यह कदम भारतीय कानून के तहत निर्धारित मानकों के खिलाफ है और इससे स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से जुड़े कई गंभीर खतरे पैदा हो सकते हैं। नकली या एक्सपायर दवाओं की संभावना बढ़ जाएगा
भारत में दवाओं के वितरण के लिए कड़े नियम बने हुए हैं, जो रोगी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इस साझेदारी में उचित पर्चे की जांच और रोगी की पहचान जैसे महत्वपूर्ण मानकों की अनदेखी की आशंका है, जिससे आम नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। वहीं, ई-फार्मेसी के अनियंत्रित संचालन से इस समस्या में और वृद्धि होने का डर है। अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी मॉडल के चलते एक्सपायर या नकली दवाइयों की संभावना बढ़ सकती है, जो रोगी सुरक्षा के लिए हानिकारक है। इस प्रकार के मॉडल में आवश्यक गुणवत्ता मानकों का पालन संभव नहीं हो पाता।