हरदा में शुक्रवार को सड़क हादसे में जान गंवाने वाले 4 युवकों को शनिवार को अंतिम विदाई दी गई। टिमरनी के वार्ड नंबर-2 में शनिवार सुबह दो सगे भाइयों की अर्थी एक साथ उठी। दोस्त जुनैद हुसैन को कब्रिस्तान में सुपुर्द खाक किया गया। वहीं, यशपाल मण्डलेकर का अंतिम संस्कार गृह ग्राम छीपानेर में नर्मदा नदी के किनारे किया गया। इंदौर-बैतूल नेशनल हाइवे पर उड़ा और खिड़कीवाला के बीच शुक्रवार रात 7.45 बजे सामने से आ रही कार को बचाने में यूरिया से भरा ट्रक पलट गया। इसी दौरान हरदा कपड़े खरीदने के लिए आ रहे तेज रफ्तार बाइक सवार बचने में दूसरे ट्रक में जा घुसे। हादसे में टिमरनी के रेलवे लाइन पार निवासी गौतम (21) और प्रीतम (19) पिता शैलेंद्र कौशल, यशराज (18) पिता राजेश मंडलेकर और जुनैद (18) पिता इकबाल की मौत हो गई। गौतम और शैलेंद्र के पिता मिस्त्री हैं। दोनों की एक बड़ी बहन है। यशराज के पिता हम्माली करते हैं। वह आईटीआई में पढ़ाई कर रहा था। जुनैद की मां मजदूरी करती है, उसके पिता नहीं हैं, उसका छोटा भाई है। बेटों का शव देखकर बेसुध हुई मां टिमरनी के वार्ड नंबर-2 में रहने वाले शैलेंद्र कौशल के बेटे गौतम एवं प्रीतम के शवों को पीएम के बाद उनके घर लाया गया, जहां बेटों की लाश देखकर मां बेसुध हो गई है। पिता की आखों से भी आंसू थम नहीं रहे थे। जुनैद हुसैन का ढोला उठने पर उसकी मां फूट-फूट रो पड़ी। पति की मौत के बाद मां ने मेहनत मजदूरी कर बेटे का लालन पोषण कर उसे बड़ा किया था, लेकिन उसकी मौत ने मां को तोड़ दिया है। अब परिवार में मां और छोटा भाई है। उधर हादसे का शिकार यशपाल मण्डलेकर इकलौता था। उसका अंतिम संस्कार गृह ग्राम छीपानेर में किया गया।