चित्रकूट में शुक्रवार से गधों का मेला शुरू हुआ। यहां एक लाख से अधिक कीमत के गधे बिकने आए हैं। सबसे ज्यादा कीमत सवा लाख है, जिसे खरीदार का इंतजार है। पहले ही दिन मेले में 70 से अधाक गधे-खच्चर बिके, जिनमें सबसे महंगा 80 हजार कीमत का गधा बिका। मुगल शासक औरंगजेब के जमाने से चला आ रहा गधों- खच्चरों का ऐतिहासिक मेला चित्रकूट में इस बार फिर सजा है। गधों के इस मेले में फिल्म स्टारों के नाम वाले गधे-खच्चरों की संख्या काफी अधिक है। इस बाद एक गैंग के नाम से भी गधा यहां पहुंचा है। उसकी कीमत सवा लाख रुपए रखी गई है। यहां सबसे महंगे गधे की कीमत 80 हजार 85 हजार और सवा लाख रुपए कीमत है। इनमें 80 हजार वाला गधा बिक चुका है। चित्रकूट नगर परिषद क्षेत्र में मंदाकिनी के तट पर लगने वाले इस ऐतिहासिक मेले में एमपी, यूपी, बिहार एवं छत्तीसगढ़ से गधे-खच्चर की खरीद-बिक्री करने लोग पहुंचते हैं। यहां लाए जाने वाले गधे-खच्चरों के नाम फिल्मी हीरो-हेरोइन के नाम पर रखे जाते हैं। औरंगजेब ने बनवाया था मंदिर, शुरू हुई थी परंपरा चित्रकूट में मंदाकिनी के तट पर गधों का यह मेला मुगल शासक औरंगजेब के शासन काल से लगता आ रहा है। कहा जाता है कि औरंगजेब जब भारत के मंदिरों को तहस नहस कर लूटपाट कर रहा था तो उसने अपनी सेना का लश्कर चित्रकूट में मंदाकिनी तट पर डाला था। उसने चित्रकूट में मतगजेंद्र नाथ स्वामी मंदिर पर हमला भी किया था, लेकिन इसके बाद उसका लश्कर तबाह हो गया था। तब उसने चित्रकूट में मंदिर बनवाया था और गधों का मेला लगवाया था। औरंगजेब के बनवाया सम्भवतः यह भारत का पहला मंदिर है। गधों के मेले की तस्वीर…