दीपावली पर्व पर ग्वालियर शहर में ध्वनि और हवा का प्रदूषण का स्तर पिछली साल की तुलना इस बार कम रहा है, लेकिन अभी भी खतरनाक है। प्रदूषण बोर्ड की वेबसाइट पर AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) में शहर के सिटी सेंटर में हवा की स्थिति खराब है, जबकि महाराज बाड़ा पर बहुत ज्यादा खराब है। शहर के डीडी नगर में हवा की स्थिति जानलेवा बताई गई है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ओर से 31 अक्टूबर को प्रदूषण की 6 घंटे के लिए (शाम 6 से रात्रि 12 बजे तक) शहर के अलग- अलग तीन स्थानों पर मॉनिटरिंग की गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दावा है कि, पिछले साल की तुलना में महाराज बाड़ा विश्वविद्यालय और दीनदयाल नगर क्षेत्र में ध्वनि और हवा प्रदूषण का स्तर 2023 की तुलना में इस साल कम रहा। इसका एक कारण मॉनिटरिंग का समय भी माना जा रहा है। मात्र 6 घंटे के लिए मॉनिटरिंग की गई, जबकि पटाखे देर रात तक चले हैं। दूसरा बड़ा कारण दो दिवसीय दीपावली भी मानी जा रही है। कहीं-कहीं दीपावली आज भी मनाई जा रही है। देर रात तक चले पटाखे, नतीजा एक्यूआई रहा 300 पार
ग्वालियर में पटाखों के चलते हवा की सेहत एक बार फिर खराब हो रही है। 31 अक्टूबर को शहर भर में वायु गुणवत्ता की स्थिति पर नजर रखी गई। बोर्ड के एप के अनुसार, 1 नवंबर (दीपावली के अलगे दिन) को सबसे ज्यादा प्रदूषण डीडी नगर क्षेत्र में रहा। यहां रात्रि 8 बजे तक औसत आंकड़ा 407 रहा। वहीं बाड़ा क्षेत्र में ये आंकड़ा 326 रहा, जबकि सिटी सेंटर में AQI 277 रहा है। ग्वालियर शहर की बात करें तो 1 नवंबर को 300 के पार रहा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली के दौरान की जाने वाली विशेष मॉनिटरिंग के आंकड़े जारी नहीं किए। डीडी नगर में हवा जानलेवा क्यों?
शहर में वाहनों का पॉल्यूशन भी होता है, लेकिन डीडी नगर तो रिहायशी इलाका है। डीडी नगर की तरह शताब्दीपुरम में खदान होने के चलते और लगातार कंस्ट्रक्शन के चलते वहां हवा का स्तर हमेशा खराब, बहुत खराब या जानलेवा होता है। पिछले साल भी वहां दीपावली के दूसरे दिन हवा का स्तर जानलेवा ही था। एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़े यह खबर भी पढ़ें… त्योहार के बाद ग्वालियर में कचरे के ढेर ग्वालियर में दीपावली हर्षोल्लास और जोश के साथ मनाई गई है। शहर के लोगों ने जमकर आतिशबाजी की, लेकिन दीपोत्सव के दूसरे दिन सफाईकर्मियों की छुट्टी का असर पूरे शहर में साफ दिख रहा है। कचरा गाड़ियों के नहीं चलने से बाजारों से लेकर सड़कों तक कचरा ही कचरा नजर आया है। इसमें सबसे ज्यादा आतिशबाजी का कचरा है। पढ़िए पूरी खबर।