इंदौर में दीपावली पर्व पर AQI स्तर पिछले साल की तुलना में इस बार ज़्यादा रहा है। प्रदूषण बोर्ड की वेबसाइट पर AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) में शहर के सिटी सेंटर में हवा की स्थिति खराब है। वेबसाइट के मुताबिक वर्तमान में इंदौर का AQI लेवल 300 है जबकि पिछले साल दिवाली के समय इंदौर का AQI लेवल 259 था यानी कि पिछले साल की तुलना में इस साल इंदौर का AQI लेवल ज़्यादा है। बता दें कि मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से 31 अक्टूबर को प्रदूषण की 6 घंटे के लिए (शाम 6 से रात्रि 12 बजे तक) मॉनिटरिंग की गई। इंदौर में बढ़ रहा प्रदुषण का ग्राफ शहर की हवा में जहर घुल रहा है। कई प्रयासों के बावजूद प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आ रही है बल्कि प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 6 दिनों में चार बार प्रदूषण का स्तर 200 के पार रहा है। वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा होने से मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेकर जिला प्रशासन और सभी संबंधित विभाग परेशान हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा डीआईजी ऑफिस पर 24 घंटे वायु प्रदूषण की निगरानी की जाती है। इस आधार पर ही शहर में रोज प्रदूषण का औसत स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्ट (एक्यूआई) के रूप में निकाला जाता है। एमपीपीसीबी के मुताबिक पिछले 6 दिनों में चार बार वायु प्रदूषण 200 को पार और आज 300 को पार करते हुए ‘बहुत खराब’ के स्तर तक पहुंचा है। विशेषज्ञों के मुताबिक वायु प्रदूषण बढ़ने से सांस के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। कोरोना संक्रमण में जब लोगों को सांस लेने में परेशानी आती है, ऐसे में वायु प्रदूषित होना ऐसे लोगों के लिए घातक है। बोर्ड के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी डॉ. वाघेला ने बताया कि शहर में पिछले कई दिनों से प्रदूषण का स्तर लगातार सामान्य से काफी ज्यादा बना हुआ है। ठंड बढ़ने के कारण कोहरा ज्यादा होता है। इससे भी गैसेस ऊपर नहीं जा पातीं और प्रदूषण का स्तर बढ़ता रहता है। साथ ही ठंड बढ़ने पर लोग अलाव जलाते हैं, जिसके धुएं से वायु प्रदूषित होती है। वहीं शहर में एमजी रोड के चौड़ीकरण के लिए हो रही तोड़फोड़ से भी हवा में धूल कणों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं शहर में वायु प्रदूषण पिछले दो माह से ज्यादा समय से बढ़ा हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक पिछले 2 महीने से प्रदूषण का स्तर लगातार 100 से ज्यादा बना हुआ है। वहीं इन 2 महीनों में कुछ दिनों में प्रदूषण का स्तर 200 से ऊपर बना हुआ था। ऐसे समझे प्रदूषण के स्तर को