चित्रकूट में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय श्रीरामलीला उत्सव का समापन शनिवार को नयागांव स्थित श्रीराघव प्रयाग घाट में हुआ। इस समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सपत्नीक अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने मंदाकिनी नदी में नौका विहार किया और रामलीला के कलाकारों के साथ तस्वीरें खिंचवाई। मुख्यमंत्री ने समारोह में कहा कि अयोध्या में 500 वर्ष के अंतराल के बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई है। तब से पूरे देश में सनातन संस्कृति की धारा बह रही है। उन्होंने चित्रकूट के विकास की बात करते हुए कहा कि सरकार इसे अयोध्या की तरह एक प्रमुख तीर्थस्थल बनाएगी। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सरकार दोनों मिलकर चित्रकूट के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। जनप्रतिनिधियों के साथ मनाएंगे गोवर्धन पूजा –
डॉ. यादव ने कहा कि भगवान राम का चरित्र और उनके जीवन के प्रसंग हमें जीवन मूल्यों की शिक्षा देते हैं। उन्होंने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार सभी त्यौहारों को धूमधाम से मनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने गोवर्धन पूजा की योजना भी साझा की। उन्होंने कहा गोवर्धन पूजा भी जनप्रतिनिधियों और मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ मनाई जाएगी। दुग्ध उत्पादन में वृद्धि की जाएगी
डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की दुग्ध उत्पादन क्षमता 9 प्रतिशत है, जिसे अगले दो सालों में 20 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत पशुपालकों को दुग्ध उत्पादन पर बोनस दिया जाएगा और गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा बड़ी गौशालाओं को सरकार वित्तीय मदद देगी। अंतिम दिन अलग-अलग प्रसंगों का हुआ मंचन
अंतर्राष्ट्रीय श्रीरामलीला उत्सव के अंतिम दिन विभिन्न नाटकीय प्रसंगों का मंचन किया गया, जिसमें सेतुबंध, रामेश्वरम स्थापना, रावण-अंगद संवाद, कुंभकरण, मेघनाथ एवं रावण मरण और श्री राम राज्याभिषेक शामिल थे। इस अवसर पर रीवा की लोक गायिका कल्याणी मिश्रा ने बघेली लोक गीतों के माध्यम से श्रीराम और माता सीता के जीवन का वर्णन किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान रामलीला का मंचन देखा और सपत्नीक भगवान की झांकी की आरती भी उतारी। इस समारोह में संस्कृति विभाग के मंत्री और अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने रामलीला को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मलेशिया, इंडोनेशिया, थाइलैंड और कंबोडिया में प्रेरणा के रूप में पहुंचाने वाले कलाकारों की सराहना की। उन्होंने कहा कि चित्रकूट में अंतर्राष्ट्रीय रामलीला में प्रस्तुतियां देने वाले ये सभी कलाकार महाकाल की नगरी उज्जैन से आते हैं। मध्यप्रदेश में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। समारोह की तस्वीरें…