शहडोल-उमरिया रेलखंड में नौरोजाबाद के पठारी फाटक के पास कोयला से लोड मालगाड़ी दो हिस्सों में बंट गई। शनिवार सुबह 9 बजे मालगाड़ी के दो हिस्सों में बंटने के बाद पठारी फाटक बंद हो गया। कोयला से लोड मालगाड़ी शहडोल से कटनी की ओर आ रही थी। जानकारी के बाद रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंच कर जांच में जुट गए हैं। पठारी फाटक बंद होने से एनएच 43 अवागमन बंद हो गया है। फाटक के दोनों तरफ गाड़ियों की लाइन लग गई। रेलवे के अधिकारियों ने मरम्मत के बाद ट्रेन को रवाना। कोयले का लोड अधिक होने के कारण ट्रेन दो हिस्से अलग हो गई है। घटना लगभग सुबह 9 बजे की बताई जा रही है। 116 डिब्बों की थी मालगाड़ी
दो हिस्सों में बंटने वाली मालगाड़ी में 116 डिब्बे थे। मालगाड़ी में कोयला लदा था। ये मालगाड़ी कोरबा से राजस्थान छाबरा जा रही थी। दो मालगाड़ियों को जोड़कर एक डबल गाड़ी बनाई गई थी। लगभग एक घंटे बंद रहा फाटक
ट्रेन के दो हिस्सों में बंटने के बाद एनएच 43 में स्थित पठारी फाटक बंद हो गया। पठारी फाटक से आवागमन बंद होते ही फाटक के दोनों तरफ गाड़ियों की लाइन लग गई। बाइक, कार, ट्रक बड़ी संख्या में खड़े हो गए। आने जाने वाले को परेशानी का सामना करना पड़ा। जोड़ने के बाद ट्रेन को किया रवाना सीनियर डीसी एम अनुराग सिंह ने बताया कि सेंट्रल कपलर अलग हो जाने से ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई थी। मालगाड़ी के डिब्बे अलग होते ही डिब्बों में ब्रेक लग जाता है। डिब्बों को जोड़ने में लगभग 35 मिनट का समय लगता है। ऐसा कभी-कभी होता है। दो ट्रेनों को एक साथ जोड़कर एक ट्रेन बनाई गई है जिसे लॉग हाल बोलते हैं। दोनों ट्रेनों के डिब्बों को जोड़कर ट्रेन को रवाना किया गया। क्या होती है कपलिंग ? कपलिंग, ट्रेन के डिब्बों को आपस में जोड़ने का तरीका है। कपलिंग, ट्रेन के हर छोर पर होती है। कपलिंग को कोच से जोड़ने वाले उपकरण को ड्राफ्ट गियर या ड्रॉ गियर कहते हैं। यह उपकरण, कपलिंग के खिंचाव और ट्रेन के त्वरण (Acceleration of Train) को सहन करता है।