नगर के शासकीय महात्मा गांधी उद्यान और आसपास की भूमि पर नगरपालिका के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निर्माण के प्रोजेक्ट में किरायेदार-कब्जेदारों से सहयोग नहीं मिल पा रहा है। इनके साथ निकाय के अधिकारियों, अध्यक्ष और अन्य जनप्रतिनिधियों की कई बैठकें हो चुकी है। दरअसल, भूमि पर काबिज व्यापारी पुन: यथा स्थान पर दुकानें आवंटित करने की मांग कर रहे है। वहीं नीलामी प्रक्रिया में शामिल नहीं होना चाहते है। कई दुकानदार लागत मूल्य देने के पक्ष में भी नहीं है। इन स्थितियों के बाद बुधवार को नपाध्यक्ष नेहा महेश बोड़ाने और सीएमओ की मौजूदगी में फिर बैठक आयोजित की गई। जिसमें कई दुकानदार शामिल नहीं हुए। बैठक में शामिल दुकानदारों की शंका-कुशंकाओं का नपा सीएमओ विकास डावर ने समझाइश देकर निराकरण भी किया। जिसके बाद साथियों के साथ चर्चा करके जवाब देने की बात व्यापारियों ने कही थी। बुधवार शाम को दुकानदारों की ओर से कोई जवाब नहीं आने के बाद निकाय ने इन्हें नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है। संभवत: दीपावली तक इन्हें नोटिस जारी कर दिए जाएंगे। प्राथमिकता का आश्वासन दिया, नामांतरण चाहते है नगरपालिका इस बेशकीमती भूमि पर जी प्लस-1 का शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने जा रही है। करीब 80 के लगभग दुकानें बनाई जाना है। शासकीय नियमों के अनुसार मार्केट की दुकानों के लिए नीलामी बोली की प्रक्रिया के माध्यम से दुकानें दी जाती है। जिसके कारण कब्जा और किरायेदार दुकानदारों के मन में डर है कि नीलामी बोली में उन्हें आम नागरिक के तौर पर शामिल नहीं किया जाए। इस शंका का निवारण सीएमओ ने आश्वासन के रूप में आवंटन में प्राथमिकता दिए जाने की बात कहकर किया है। वहीं वर्तमान में काबिज दुकानदारों ने दुकानों के नामांतरण करने का मुद्दा भी सामने रखा। इस पर सीएमओ ने कहा कि आवश्यक दस्तावेज की पूर्ति करने पर नामांतरण की प्रक्रिया को लेकर विचार किया जाएगा। पतरापोश दुकानों में वर्षों से कर रहे व्यापार भूमि पर कई दशकों से लोग पतरापोश दुकानों के साथ व्यापार कर रहे है। निकाय इनसे किराया भी ले रहा है। वहीं कई किरायेदारों ने अन्य लोगों को दुकानें सौंप दी। ऐसे लोग थर्ड पार्टी हो गए है। ऐसे लोगों को खुली नीलामी में शामिल होकर दुकानें लेना पड़ेगी। वहीं काबिज लोग चाहते है कि लागत मूल्य पर दुकान दी जाए। निकाय के नियम अनुसार यह संभव नही है। बाजार मूल्य और लागत मूल्य के आधार पर दुकान का आफसेट मूल्य निकाला जाएगा। इसके बाद नीलामी में यदि किरायेदारों को प्राथमिकता दी जाती है तो भी ऑफसेट मूल्य के बगैर दुकान देना संभव नहीं है। हालांकि परिषद से प्रस्ताव लाकर प्राथमिकता दी जा सकती है। वैकल्पिक स्थान की मांग मानी पूर्व की बैठक में शॉपिंग कॉम्पलेक्स निर्माण अवधि तक व्यापार प्रभावित होने की दुहाई किरायेदारों ने दी थी। उन्होंने मार्केट निर्माण तक अन्य स्थान व्यापार के लिए उपलब्ध कराने की मांग की है। बुधवार की बैठक में इमामबाड़े के सामने स्थित हॉकर्स झोन, पीडब्ल्यूडी मुख्य कार्यालय के बाहर का फुटपाथ और किले के नीचे अस्थाई पतरापोश दुकानें संचालित करने को लेकर स्थान सुझाए गए। इस पर व्यापारी मुश्किल से सहमत हुए। गांधी प्रतिमा रहेगी यथावत नपा के शॉपिंग कॉम्पलेक्स निर्माण से उद्यान का स्वरूप छोटा हो जाएगा। अच्छी बात यह रहेगी कि महात्मा गांधी की प्रतिमा एक मिनी उद्यान के साथ कॉम्प्लेक्स के मध्य में मौजूद रहेगी। कॉम्प्लेक्स निर्माण के बाद व्यापार को गति मिलेगी। वहीं क्षेत्र के प्रॉपर्टी के दामों और किराये में प्रगति होगी।