बुरहानपुर नगर निगम में 21 अक्टूबर को आयोजित साधारण सम्मेलन को लेकर विवाद गहरा गया है। कांग्रेस पार्टी के पार्षदों ने आरोप लगाया कि सम्मेलन को स्थगित करने के बाद भी कुछ अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए बैठक का आयोजन किया और नए सभापतियों की नियुक्ति की। कांग्रेस पार्षदों ने गुरुवार को पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार पाटीदार से मुलाकात कर शिकायत दर्ज कराई है। ये है मामला-
दरअसल 21 अक्टूबर को सुबह 11 बजे साधारण सम्मेलन शुरू हुआ। बैठक में शहर की विभिन्न समस्याओं और जनहित के मुद्दों पर चर्चा हुई। शाम 6 बजे कुछ पार्षदों के अनुरोध पर निगम अध्यक्ष अनीता अमर यादव ने बैठक को स्थगित करते हुए अगली तारीख 5 नवंबर तय की। लेकिन इसके बाद भी महापौर माधुरी पटेल, विधायक प्रतिनिधि अतुल पटेल और निगम कमिश्नर ने कुछ पार्षदों के साथ मिलकर बैठक का संचालन जारी रखा। उन्होंने पार्षद संभाजी सगरे और विनोद पाटिल को नए अध्यक्ष के रूप में आसन पर बैठाया। यह कार्रवाई कांग्रेस पार्षदों के अनुसार अवैधानिक और नगर पालिक निगम अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है। ‘सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट भी जाएंगे’
निगम अध्यक्ष अनीता अमर यादव ने अपनी शिकायत में बताया कि जब बैठक स्थगित की गई, तब आधे से अधिक पार्षद अपने घर जा चुके थे। ऐसे में बैठक का आयोजन करना और नए अध्यक्षों की नियुक्ति करना धोखाधड़ी है। उप नेता प्रतिपक्ष उबैद शेख ने कहा कि निगम अध्यक्ष के आसन का उपयोग उनकी अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा है कि अगर सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट जाएंगे। कांग्रेस पार्षदों ने आरोप लगाया कि निगम में हुई इस कार्रवाई में छल, कपट और धोखा हुआ है। उन्होंने मांग की कि इस मामले में संबंधितों पर एफआईआर दर्ज की जाए। करीब 25 पार्षद और कांग्रेस नेता एसपी से मिलने पहुंचे और उन्हें निगम अध्यक्ष की ओर से लिखित शिकायती पत्र सौंपा। महापौर माधुरी पटेल ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि बैठक का संचालन नियमों के अनुसार किया गया था।