पन्ना जिले में इन दिनों डेंगू, बुखार के मामले बढ़ रहे हैं। जिले में अब तक करीब 60 डेंगू पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। वहीं एक सप्ताह में दो की मौत डेंगू की चपेट में आने से हुई है। जिसके बाद गुरुवार को नगर पालिका प्रशासन ने शहर की नालियों में दबा का छिड़काव कराना शुरू कर दिया है। गुरुवार को दोपहर के बाद नगर में मच्छरों की रोकथाम के लिए दवाई का छिड़काव किया गया है। डेंगू से बचाव और नियंत्रण के लिए एडवाइजरी जारी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने डेंगू के बढ़ते प्रकोप को मद्देनजर रखते हुए बचाव के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि डेंगू एडीज नामक मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी है। यह मच्छर साफ और रुके पानी में पनपता है। मच्छरों के पनपने का प्रमुख स्थान घर, छत और आसपास विभिन्न प्रकार के खुले पड़े जल पात्र जैसे पानी की टंकी, टायर, गमले, कूलर, मिट्टी के दिए, छत, मटके, पाइप, गड्ढे, मनी प्लांट के पॉट में भरा साफ पानी इत्यादि है। मच्छर इनमें अंडे देते हैं। 2-3 दिवस में लार्वा निकलने के बाद यह तीन-चार दिन में प्यूपा में बदल कर तीन दिन बाद मच्छर बनकर उड़ जाता है। इस तरह 7 से 12 दिवस के भीतर मच्छर अपना उत्पत्ति चक्र साफ और रुके पानी में पूर्ण करते हैं। इनकी रोकथाम के लिए जल पात्रों में रखा पानी तत्काल खाली करना चाहिए। नियमित रूप से 7 दिवस के भीतर जल पात्रों में भरा पानी भी खाली करना जरूरी है। डेंगू जानलेवा नहीं जिला मलेरिया अधिकारी अरुणेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, डेंगू बुखार जानलेवा नहीं है। घबराने की जरूरत नहीं नहीं है। जिला अस्पताल पन्ना में टेस्ट और इलाज को व्यवस्था है। ज्यादा तेज बुखार और कमजोरी महसूस होने पर तत्काल ही टेस्ट करवाकर इलाज शुरू करना चाहिए।