खरीफ सीजन की फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने की तैयारियां की जा रही हैं। उनमें सभी व्यवस्थाएं किए जाने के लिए कलेक्टर ने सभी अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि जिले में सोयाबीन फसल खरीदी के कार्य शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करें। प्रत्येक केन्द्रों पर नोडल अधिकारी रहे। समिति प्रबंधकों को निर्देश दिए कि किसानों को छाया, पानी व सभी आवश्यक व्यवस्था करें। उर्पाजन केन्द्रों पर इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटे व वारदाने सहित सभी व्यवस्थाएं करें। उर्पाजन केन्द्रों पर वाहनों को खड़ा करने के लिए समुचित व्यवस्था व सोयाबीन का परिवहन के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं रखें। राजस्व व कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि उपार्जन केन्द्रों का निरीक्षण किया जाए। उपार्जन केन्द्रों पर किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया जाए। बैठक में बताया गया कि शासन द्वारा सोयाबीन फसल का समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 25 अक्टूबर से खरीदी की जायेगी। कृषकों से उपार्जन सप्ताह मे 5 दिन सोमवार से शुक्रवार सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक किया जायेगा। तौल पर्ची शाम 6 बजे तक जारी की जाएगी। उपार्जन केन्द्र पर हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन, कम्प्यूटर, प्रिंटर, डोंगल, यूपीएस, लैपटॉप, बैटरी, स्कैनर व जनसुविधा जैसे टेबल कुर्सी, शौचालय, बिजली, बडा छन्ना, पर्खी आदि की व्यवस्था रखी जाए। उपार्जन केन्द्र पर एफएक्यू गुणवत्ता मापदंड संबंधित बैनर अनिवार्य रूप से लगाया जाए। सुरक्षा के लिए उपार्जन केन्द्र पर त्रिपाल, कवर, अग्निशामक यंत्र रेत बाल्टी की व्यवस्था रहे। गुणवत्ता परीक्षण में सोयाबीन निर्धारित मापदंड अनुसार नहीं पाये जाने पर उपार्जन नहीं किया जाए। एफएक्यू के अनुरूप उपार्जन का दायित्व संबधित उपार्जन केन्द्र चलाने वाली संस्था का रहेगा। वहीं, किसानों को स्लॉट बुक के बाद तय दिनांक को तौल कराएं, जिससे केन्द्रों पर अप्रिय स्थिति न बने। किसानों के अपनी उपज विक्रय के समय उपार्जन केन्द्र प्रभारी को निम्नलिखित दस्तावेज जमा कराना होगा, जिनका मिलान केन्द्र प्रभारी द्वारा किया जायेगा। आधार कार्ड की प्रति, बैंक पासबुक की छायाप्रति, समग्र आईडी या पेनकार्ड, सिकमीदार किसानों के सिकमी अनुबंध की प्रति, वनाधिकारी पट्टेधारी को पटटे की प्रति, किसान पंजीयन पर्ची का हस्ताक्षरित प्रिन्ट आउट, मोबाइल एप से पंजीयन कराने वाले कृषकों को खसरे ऋण पुस्तिका की छाया प्रति, जिन कृषकों द्वारा पंजीयन के समय उक्त दस्तावेज उपार्जन समिति को उपलब्ध करा दिए गए हैं, उनको पुनः दस्तावेज उपलब्ध कराने की आवश्यकता नहीं है।