संत हिरदाराम गर्ल्स कॉलेज में प्लांट टिश्यू कल्चर तकनीक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 14 से 21 अक्टूबर तक आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. डालिमा पारवानी ने किया। सत्र का नेतृत्व ग्रो टिप्स बायोटक लैब प्राइवेट लिमिटेड की डायरेक्टर डॉ. शगुफ्ता खान ने किया। कुल 45 छात्राओं ने इस पाठ्यक्रम में भाग लिया, जिन्होंने प्लांट टिश्यू कल्चर के सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों पहलुओं पर महत्वपूर्ण ज्ञान प्राप्त किया। इस अवसर पर डॉ. पारवानी ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उद्देश्य व्यावहारिक कौशल प्रदान करना है। प्लांट टिश्यू कल्चर जैसी तकनीकें कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति ला रही है। हमारा लक्ष्य है कि छात्राएं इन नवाचारी तकनीकों में दक्ष बनें एवं आने वाले समय में देश के विकास में योगदान दें। साथ ही डॉ. शगुफ्ता खान ने छात्राओं को नवाचार को अपनाने और प्लांट टिश्यू कल्चर क्षेत्र में उद्यमिता के अवसरों का पता लगाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही इस क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं और इस पाठ्यक्रम में विभिन्न तकनीकों के महत्व पर जोर दिया गया, जो पौधे प्रजनन में सुधार, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और फसल उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होती हैं। पाठ्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को विभिन्न टिश्यू कल्चर पद्धतियों पर गहन प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें बेसिक से लेकर उन्नत तकनीकों तक शामिल था। उन्हें टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना और प्रबंधन में हाथ से काम करने का अनुभव प्राप्त हुआ, जिसमें स्टॉक तैयार करना, सीड कल्चर और मेरिस्टेम कल्चर जैसी प्रक्रियाएं शामिल थीं। छात्राओं ने एक्सप्लांट कलेक्शन, इनोक्युलेशन, सबकल्चरिंग, मल्टीप्लिकेशन और हार्डनिंग जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों का अभ्यास किया, जो प्लांट टिश्यू कल्चर में कुशलता के लिए आवश्यक हैं। कॉलेज के प्रबंधन ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख डॉ. शाजिया खान और सहायक प्राध्यापक डॉ. दिव्या पटेल की सराहना की, जिन्होंने भविष्य में रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए व्यावहारिक कौशल विकसित करने के उद्देश्य से इस तरह का सफल इन-हाउस प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।