पीपलखेड़ा कला सोसायटी में डी.ए.पी की कमी:डेढ़ सौ टन की जरूरत, सिर्फ 12 टन ही मिली; पूर्ति करने की मांग कर रहे किसान

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पीपलखेड़ा एक और जहां रबी फसल की बुवाई का समय नजदीक आता चला जा रहा है। वहीं किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है पीपलखेड़ा सहकारी समिति में पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिससे किसानों को काफी समस्याएं आ रही है। किसानों ने बताया कि पांच बीघा पर एक बोरी डीएपी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह जरूरत के हिसाब से बहुत कम है 15 बीघा या उससे ज्यादा जमीन हो उस पर तीन बोरी डीएपी ही समिति दे रही है।किसानों ने बताया कि यहां पर डीएपी की कमी काफी समय से बनी हुई है। डेढ़ सौ टन की मांग पर 12 टन की डीएपी मिली किसान डीएपी की उपलब्धता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे उनकी गेहूं, चना की बोवनी में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आएगी। इस बारे में पीपलखेड़ा समिति प्रबंधक जितेन्द्र विश्वकर्मा ने बताया कि समिति ने रबी सीजन हेतु लगभग डेढ़ सौ टन डीएपी की मांग की है लेकिन डीएपी की शार्टेज होने के कारण समिति को लगभग 12 टन ही डीएपी रबी सीजन हेतु प्राप्त हो पाया है। उन्होंने कहा कि नैनो डीएपी व एनपीके खाद समिति के पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जो कि किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन किसान डीएपी की मांग कर रहे हैं।