वर्ष 2024 में दीपावली का त्योहार कब मनाएं, इस विषय पर इंदौर के मठ मंदिर और उनके पुजारी संत महंत और धर्माचार्य एक मत दिखाई दे रहे हैं सभी ने 1 नवंबर को दीपावली मनाने को लेकर के शास्त्रों में दिए गए तथ्यों पर सहमति जताई और अपना निर्णय लिया। मीटिंग में खजराना गणेश मंदिर, रणजीत हनुमान मंदिर, श्रीश्री विद्याधाम मंदिर, राम मंदिर, वीर बगीची हनुमान मंदिर, वेंकटेश मंदिर छत्रीबाग सहित इंदौर के कई मंदिरों द्वारा भेजे गए संदेशों का वाचन किया गया और बताया गया कि इन सभी मंदिरों द्वारा भी शास्त्र सम्मत दीपावली मनाने का निर्णय दोहराया गया है। शासकीय संस्कृत महाविद्यालय, इंदौर में प्रदेश स्तर के ज्योतिषी, प्रमुख मठ मंदिर के पुजारी और शोध अध्येताओं की बैठक का आयोजन हुआ। बैठक के निष्कर्ष से अवगत कराते हुए मध्य प्रदेश ज्योतिष एवं विद्वत परिषद के प्रदेश अध्यक्ष आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा “वैदिक” एवं शासकीय संस्कृत महाविद्यालय इंदौर के विभागाध्यक्ष डॉ. विनायक पाण्डेय ने बताया कि बैठक में यह निश्चित हुआ कि दीप पर्व यानी लक्ष्मी पूजन 01 नवंबर को ही मनाए जाने के योग्य है। धर्मशास्त्रों के अनुसार देव पूजन हेतु अमावस्या प्रतिपदा से युक्त श्रेष्ठ कही गई है। साथ ही दीपावली के लिए प्रदोषकाल भी प्रशस्त कहा गया है। मप्र और देश पश्चिम के क्षेत्रों में ये दोनों तथ्य 01 नवंबर को प्राप्त हो रहे हैं। इसके साथ ही इस दिन प्रदोषकाल में आयुष्मान योग है। स्वाति नक्षत्र होने को भी धर्म शास्त्र सम्मत दीपावली 01 को मनाना उचित है। बैठक में विभिन्न राज्यों के विद्वत परिषद और प्रमुख शहरों के विधवा परिषद द्वारा भेजे गए संदेश का वचन भी किया गया। इसमें दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल, गुजरात, राजस्थान, अयोध्या, सूरत, जयपुर, जोधपुर, हरिद्वार, लखनऊ, गोरखपुर आदि शहरों में भी 1 नवंबर के पक्ष में अभिमत बताए गए हैं। साथ ही यह भी बताया गया कि देश के 90% से अधिक पंचांगों में 1 नवंबर को दीपावली मान्य की गई है। बैठक में ही सर्व ब्राह्मण समाज इंदौर के सचिव विकास अवस्थी ने कहा कि वे भी 1 नवंबर को ही संपूर्ण समाज से दीपावली मनाने का आवाहन करते हैं। बैठक में सर्व सम्मति से निम्नलिखित निर्णय लिए गए 29 अक्टूबर 2024 को धनतेरस 30 को धनवंतरि पूजा एवं यम दीपदान 31 को नरका चतुर्दशी 01 नवंबर को दीपावली 02 नवंबर को प्रतिपदा पर गोवर्धन पूजा एवम् अन्नकूट 03 नवंबर को यम द्वितीया एवं भाई दूज कई विद्वान थे मौजूद कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य कल्याण दत्त शास्त्री ने की। बैठक में मप्र ज्योतिष एवं विद्वत परिषद के अध्यक्ष आचार्य पंडित रामचंद्र शर्मा “वैदिक”, संस्कृत महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ. विनायक पाण्डेय, खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी पं. अशोक भट्ट, रणजीत हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी पं. दीपेश व्यास, पं. विजय अडीचवाल, श्रीश्री विद्याधाम के आचार्य राहुल कृष्ण शास्त्री, संस्कृत महाविद्यालय से गोपालदास बैरागी, भुवनेश्वरी ज्योतिष संस्थान के डॉ. संतोष भार्गव, वास्तुविद एवं ज्योतिषाचार्य डॉ. चंद्रभूषण व्यास, छावनी दुल्हेश्वर मंदिर के आचार्य डॉ. संतोष दाधीच, बेटमा से आचार्य जितेंद्र जोशी, खजराना के आचार्य विनीत भट्ट, ज्योतिषाचार्य विजय त्रिवेदी, नारायण वैष्णव आदि ने अपने-अपने शास्त्रीय मत रखे। सभी विद्वान आचार्यों ने एक मत से दीपावली /लक्ष्मी पूजा एक नवंबर को मनाने का शास्त्र सम्मत निर्णय दोहराया।