पांच सालों की मशक्कत के बाद मुख्यालय पर थोक सब्जी मंडी को शहर के बाहर स्थायी रूप से संचालित किया जाएगा। मंडी निर्माण के लिए करीब 8 हैक्टेयर भूमि कृषि उपज मंडी को मिल रही है। जमीन के भू-भाटक की गणना की जा रही है। भू-भाटक डिमांड आने के बाद मंडी द्वारा राशि जमा कराई जाएगी। जिसके बाद नामे आवंटन हो जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद डीपीआर बनाई जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक दो साल के अंदर नई थोक सब्जी मंडी आकार ले लेगी। दरअसल वर्तमान में मंडी जहां अस्थाई रूप से कोरोना काल के बाद से संचालित हो रही थी। उक्त भूमि मेडिकल कॉलेज को दे दी गई है। थोक सब्जी मंडी मार्केट निर्माण के लिए वर्तमान संचालित स्थल के ठीक सामने की जमीन चिह्नित की गई है। इस जमीन के पास में वेयर हाऊस गोदाम और आरटीओ कार्यालय संचालित होता है। चयनित 8 हैक्टेयर भूमि में 6 हैक्टेयर भूमि फूड विभाग के पास थी। वहीं 2 हैक्टेयर भूमि न्याय विभाग को दी गई थी। दो विभागों की इस भूमि को सब्जी मंडी के लिए दिया जा रहा है। राज्य शासन के आदेश के बाद थोक सब्जी मंडी का संचालन जिले की कृषि उपज मंडी के अधीन किया जाना है। अभी तक बगैर लाईसेंस और बगैर सुविधा के निकाय के भरोसे मंडी शहर के बीचों-बीच संचालित की जा रही थी। कोरोना काल में इसे अस्थाई रूप से शहर से बाहर किया गया था। इसके बाद से ही उसे बाहर स्थाई रूप से मार्केट निर्माण करके स्थापित करने के लिए जमीन चयन की प्रक्रिया चल रही थी। इधर कृषि उपज मंडी ने थोक सब्जी मंडी व्यापारियों को व्यापार के लिए लाईसेंस जारी करना भी शुरू कर दिया था। जमीन मिलने के बाद कृषि उपज मंडी सुव्यवस्थित पक्के मार्केट का निर्माण करेगी। इससे मंडी का रेवेन्यू बढे़गा और किसानों और व्यापारियों के सौदों की निगरानी भी हो सकेगी।