मंडला के ग्राम ओढारी में नर्मदा नदी पर प्रस्तावित बसनिया बांध का सर्वे करने पहुंची टीम को ग्रामीणों का भारी विरोध झेलना पड़ा। शुक्रवार को बिलगढ़ा पहुंची सर्वे टीम का विरोध करने के लिए आसपास के कई गांवों से लोग एकत्र हो गए थे। उनका कहना था कि जब हमें बांध मंजूर नहीं है, तो फिर सर्वे का क्या औचित्य है। ग्रामीणों के रुख को देखते हुए सर्वे टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ा। एसडीएम, एसडीओपी भी मौके पर पहुंचे बिलगढ़ा गांव में हुए सर्वे टीम के विरोध के बाद घुघरी के एसडीएम सीएल वर्मा, एसडीओपी निवास पीएस वालरे और नायाब तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से काफी देर तक बात कर उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण नर्मदा नदी पर प्रस्तावित बसनिया बांध को नामंजूर करते हुए सर्वे के विरोध पर अड़े रहे। आम सहमति का आश्वासन वहीं भारी सुरक्षा बल के साथ पहुंची सर्वे टीम और प्रशासनिक अधिकारी किसी भी टकराव से बचते नजर आए। उन्होंने इसे प्राथमिक सर्वे बताया और कहा कि इसके बाद आपसे सहमति के आधार पर ही बांध का कार्य होगा। लेकिन ग्रामीण सर्वे के लिए सहमत नहीं हुए। ग्रामीणों के विरोध के चलते फिलहाल सर्वे कार्य को स्थगित कर दिया गया। राज्यपाल को भेजेंगे प्रस्ताव बसनिया (ओढारी) बांध विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष बजारी लाल सर्वटे ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण के पूर्व ग्राम सभा की सहमति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जब किसान अपनी जमीन सरकार को नहीं देना चाहते हैं, तो सर्वे कार्य का कोई औचित्य नहीं है। हम जल्द ही मंडला जिले के प्रभावित 18 गांवों की परियोजना के खिलाफ पारित प्रस्ताव राज्यपाल को भेजेंगे। बसनिया बांध परियोजना बसनिया बांध निर्माण के लिए नर्मदा घाटी विकास विभाग ने परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति 6 अगस्त 2021 को दी गई है। ग्राम ओढारी में प्रस्तावित बसनिया बांध से 8780 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई और 100 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन होगा। इस बांध से मंडला और डिंडोरी जिले की करीब 6343 हेक्टेयर जमीन डूब में आएगी, जिसके कारण होने वाले विस्थापन की वजह से ग्रामीण इस बांध का विरोध कर रहे हैं।