मध्यप्रदेश में खाद संकट को लेकर किसान परेशान हैं। सहकारी समितियों के बाहर किसानों की कतारों और कालाबाजारी को लेकर गुरुवार को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिग्विजय सिंह ने कहा कि मप्र में खाद संकट को लेकर केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मप्र के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जिम्मेदार हैं। कांग्रेस की सरकार में एक बोरी की कालाबाजारी नहीं हुई
दिग्विजय सिंह ने कहा कि 1993 से लेकर 2003 तक कांग्रेस पार्टी की सरकार थी। उस दौरान खाद के लिए किसान को परेशान नहीं होना पड़ा और एक भी बोरी खाद की कालाबाजारी नहीं हुई। आज खाद की ब्लैक मार्केटिंग और नकली खाद के मामले में बीजेपी के लोग सामने आ रहे हैं। दिग्विजय ने कहा 2004 के बाद जैसे ही शिवराज सिंह चौहान, जो किसान पुत्र कहलाते हैं, कृषि विभाग का सबसे ज्यादा सत्यानाश उनके कार्यकाल में हुआ है। अब वे केन्द्र सरकार में कृषि मंत्री हैं तो मैं मोदी जी से अनुरोध करूंगा कि वे जैसा कहते हैं कि न खाऊंगा न खाने दूंगा। तो शिवराज सिंह चौहान के कृषि मंत्रालय पर थोड़ा नजर रखें। पटवारी बोले- शिवराज और मोहन सरकार किसान विरोधी
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा- बार-बार यह बात स्थापित होती जा रही है कि भारतीय जनता पार्टी और उनकी सरकार शिवराज सिंह चौहान और मोहन यादव किसान विरोधी हैं। कमलनाथ सरकार ने जो किसानों की ऋण माफी योजना जिसमें किसानों का कर्ज माफ हो रहा था। यह सरकार किसानों का ऋण खा गई। 2900 गेहूं और 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान के दाम का वादा करके सरकार में आ गए और किसानों को बाद में धोखा दे दिया। सबसे बड़ा किसान विरोधी अगर कोई है तो वो शिवराज सिंह चौहान हैं। जितना किसानों से पिछले 20 सालों में झूठ बोले और अब पूरे देश में मप्र की दुहाई देकर किसानों से झूठ बोल रहे हैं। मतलब देश में किसानों को सबसे ज्यादा धोखा किसी ने दिया तो वह केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं। बीजेपी के नेता खाद की कालाबाजारी में लिप्त
पटवारी ने मप्र के अलग-अलग जिलों में खाद संकट को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स का जिक्र किया। पटवारी ने शिवपुरी, खुरई, आष्टा, इटारसी में खाद को लेकर किसानों के प्रदर्शन और परेशानी की मीडिया रिपोर्ट्स दिखाई। पटवारी ने पूछा आखिर ये खाद जाती कहां हैं? उन्होंने अखबार की खबर दिखाते हुए कहा– कि ये खाद बीजेपी के नेता द्वारा नकली कारोबार किया जा रहा। 229 बोरी नकली खाद मिलने के बाद मानपुर में नायब तहसीलदार ने दुकान सील की। फिर बीजेपी के नेता ने वह सील तोड़ दी और अधिकारी को डराया धमकाया। बीजेपी के लोग नकली खाद बेचेंगे, कालाबाजारी करेंगे। शिवराज चार हफ्ते से मिलने का टाइम नहीं दे रहे
पटवारी ने कहा– मैं हर मंगलवार को शिवराज सिंह चौहान से समय मांगता हूं कि किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस पार्टी का एक प्रतिमंडल आपसे मिलना चाहता हैं। अगर उनमें कलेजा है और वह जो बोलते हैं, उसमें सच्चाई है तो हमें समय दें। यह चौथा मंगलवार है, मैं समय मांग रहा हूं वो समय नहीं दे रहे हैं। वे जब तक समय नहीं देंगे उनसे हम समय मांगते रहेंगे। पटवारी ने कहा-मप्र सरकार ने किसानों की डिमांड के मुताबिक केन्द्र सरकार से खाद (DAP,यूरिया, एनपीके) की मांग नहीं की। दिग्गी बोले- मेरे समय में खाद की व्यवस्था दुरुस्त रही
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा प्रदेश में खाद की चौतरफा कमी का है। 1993 लेकर 2003 तक जब कांग्रेस पार्टी की सरकार थी। सुभाष यादव उप मुख्यमंत्री थे। कृषि विभाग उनके पास था। वे हमारे सहकारिता आंदोलन के वह प्रमुख नेता रहे। मैं समझता हूं कि सहकारिता के क्षेत्र में सुभाष यादव ने जितना काम किया था किसी नहीं किया होगा। एक बोरी की कालाबाजारी साबित कर दें तो दंड भोगने को तैयार हूं
दिग्विजय ने कहा- मैंने उस समय तय किया था कि जितनी भी खाद किसानों को चाहिए, उसको प्राथमिक सरकारी समिति के गोदाम पर बोनी के पहले उपलब्ध करा देंगे और एडवांस लिफ्टिंग कराते थे। मतलब बुआई के पहले किसानों को सहकारी बैंक के माध्यम से खाद की एडवांस लिफ्टिंग हो जाती थी। जिस दिन उन्होंने खाद उठाई और जिस दिन उनकी बोवनी हुई। उसके बीच का ब्याज सरकार वहन करती थी। यह हम लोगों की व्यवस्था थी। उस समय का एक उदाहरण बता दें तो जो कहेंगे वह दंड में भोगने के लिए तैयार हूं। जहां कांग्रेस पार्टी के 10 साल में एक बोरी की भी कहीं कालाबाजारी हुई हो या कभी किसी को कोई किसान को दिक्कत आई हो तो मुझे जो दंड देंगे मैं भुगतने को तैयार हूं।
लेकिन, 2004 के बाद यह जो किसान पुत्र कहलाते हैं, सबसे बड़ा सत्यानाश कृषि विभाग में हुआ है तो उनके कार्यकाल में हुआ है। दिग्विजय ने यह भी कहा-पहले कृषि मंत्री कमल पटेल थे और अब कंषाना जी हैं। कृषि विभाग में भ्रष्टाचार के मामले में ये उनसे आगे निकल गए हैं। मप्र में 8 टेस्टिंग लैबोरेटरी हैं। सर्वदलीय कमेटी बनाकर गोदामों से खाद मंगाकर टेस्टिंग करा लीजिए। जिस खाद में गड़बडी निकले उस खाद निर्माता कंपनी पर कार्रवाई कीजिए। दिग्विजय ने कहा हमारे जमाने में ट्रांसपोर्ट विभाग बड़ा कमाऊ विभाग हुआ करता था अब कृषि विभाग ने उसे पीछे छोड़ दिया है। झूठे आंकड़े देकर हजारों करोड़ का कृषि विभाग में घोटाला हुआ है। ऑर्गेनिक खेती के नाम पर सब्सिडी देने के लिए फर्जी नामों पर पैसे ले लिए गए।