सीहोर जिले में अतिवृष्टि के कारण खराब हुई सोयाबीन की फसलों का सर्वे नहीं होने और मुआवजा नहीं मिलने से नाराज किसानों ने गुरुवार को ग्राम चंदेरी में पेड़ पर चढ़कर घंटी और थाली बजाकर विरोध जताया। किसानों ने यह आंदोलन कृषि विभाग का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए किया। जिले के दर्जनों गांव के किसान समाजसेवी एमएस मेवाड़ा के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान अतिवृष्टि से खराब सोयाबीन की फसलों का जल्द सर्वे कराने और आरबीसी 6 और 4 के अंतर्गत तहसील से राहत राशि देने की मांग को लेकर धरना दे रहे है। मामले में सीहोर से किसानों ने भोपाल जाकर कमिश्नर को ज्ञापन दिया था। इस दौरान मुख्य सचिव अनुराग जैन से मिलकर समस्या हल करने की मांग की गई। किसानों ने जल सत्याग्रह कर जताया विरोध इसी तरह गुरुवार को ग्राम संग्रामपुर के किसानों ने जल सत्याग्रह वहीं ग्राम लसूडिया धाकड़ के किसानों ने पेड़ों पर चढ़कर घंटी बजाई। ग्राम रामाखेड़ी के ग्रामीण किसानों ने खराब हुई सोयाबीन की फसल का रावण बनाकर जलाया और ग्राम बिलकिसगंज के किसानों ने खराब हुई सोयाबीन की फसलों को जला दिया। किसी गांव के किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली, तो कहीं किसानों ने तहसीलदार को ज्ञापन दिया। किसानों ने बताया कि इस तरह सीहोर जिले के अलग-अलग गांव के किसान विगत एक महीने से आए दिन धरना प्रदर्शन कर रहे है। लेकिन, आज तक शासन प्रशासन स्तर पर किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। अधिकारी बोले- एरियल सर्वे कर देंगे मुआवजा मामले में कृषि विभाग के उप संचालक केके पांडे ने बताया कि इस बार जिले में खराब हुई फसलों का एरियल सर्वे किया जाएगा, इसके बाद किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।