सिवनी जिले में मृदा परीक्षण को लेकर लाखों रुपए खर्च करके लैब का निर्माण किया गया था। इसके बाद 8 में से 7 परीक्षण प्रयोगशाला पिछले 6 साल से बंद पड़ी हुई हैं। अब अब कृषि विभाग इन लैबों को निजी संस्था के जरिए संचालित करने की तैयारी कर रहा है। बताया जा रहा है कि बीते 6 सालों में बंद लैबों के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति तक नहीं हुई है। वर्तमान में एक मात्र लैब सिवनी में ही चालू हालत में है। इसी लैब के भरोसे ही मिट्टी की जांच हो रही है। हालांकि, इसके कारण भी किसान परेशान है। ऐसा होगा काम किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग विकास-खण्ड स्तरीय मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में युवा उद्यमियों और संस्थाओं के माध्यम से लैब संचालित करेगा। इसमें कृषि विभाग के उपकरण रहेंगे। केवल कर्मचारी वेतन आधार पर रखे जाएंगे। हालांकि, इसके लिए MP ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन भी जमा होंगे। निजी संस्था अपने कर्मचारियों से लैब संचालित करेगी। जिलेभर एकत्रित होते हैं सैंपल कृषि विभाग ने मिट्टी की जांच के लिए दूरस्थ क्षेत्रों के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। किसान कर्मचारियों के पास मिट्टी के सेंपल देते हैं। एक-एक सैंपल को एकत्रित किया जाता है। इसके बाद ग्रामीण विस्तार अधिकारी और कर्मचारी अपने ब्लॉक के सैंपलों को एक साथ सिवनी के सिमरिया मंडी परिसर में संचालित लैब में लाते हैं। लैब में जांच के बाद रिपोर्ट फिर से जुड़े अधिकारियों को दी जाती है। जिसका वितरण किसानों को किया जाता है। हालांकि, प्रक्रिया में काफी समय लग रहा है। रोज 80 सैंपल की जांच सिवनी की लैब में मिट्टी के सैंपलों की भरमार हो गई है। यहां पर रोजाना 80 सैंपलों की ही जांच हो पा रही है। साल-2023 में 10,370 सैंपलों की जांच हुई थी। जबकि इस साल अब तक 10 हजार 258 जांच हो चुकी है। 36-36 लाख कीमत से बनी लैब सोभा की सुपारी बन चुकी लैबों के निर्माण के लिए शासन ने करोड़ों की राशि खर्च की है। प्रत्येक लैब की कीमत 36 लाख रुपए है। जिला स्तर से भेजे गए थे पत्र जिला स्तर से प्रदेश स्तर पर लैबों में कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए कई पत्राचार भी किया जा चुका है। प्रत्येक लैब के लिए 5-5 कर्मचारियों की जरूरत है। हालांकि, प्रदेश स्तर से कोई भी भर्ती नहीं हो पाई। 18 अक्टूबर तक आवेदन मनाएं कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब इन खाली पड़ी लेबो के लिए 18 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन बुलाये गए हैं। जहां जिला स्तर पर पर टीम गठित कर भर्ती की जाएगी। विकासखण्ड मुख्यालय में स्थित है लैब
जिला मुख्यालय छोड़कर अन्य 7 विकासखंडों में लेबे मुख्यालय में स्थित है। प्रत्येक विकास खण्ड में 50 से अधिक ग्राम आते हैं। धनोरा में 47 ग्राम पंचायत है। जिनमें 50 से अधिक ग्राम आते हैं। घंसौर में 77 ऐसी तरह लखनादौन, छपारा, कुरई, बरघाट और केवलारी विकास खंड ग्रामों की स्थिति है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-संचालक मोरिश नाथ जा कहना है कि सिमरिया कृषि उपज मंडी की ही मिट्टी लैब संचालित है। बाकी जगह की लैब में स्टाफ नहीं है। कर्मचारियों की भर्ती के लिए कई बार सीनियर अधिकारियों से पत्राचार किया जा चुका है। लैबों में उपकरण पहले से ही दिए जा चुके हैं। अब 18 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन बुलाए गए हैं।