दतिया पुलिस ने एक पीड़ित पक्ष को ही आरोपी बना दिया। मामला सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। आरोपियों ने पहले पीड़ित पक्ष के घर पर पथराव किया था, इसके बाद घर में घुसकर मारपीट की थी। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। दरअसल, मामला इंदरगढ़ थाना क्षेत्र का है। जो जमीनी विवाद के चलते हुई मारपीट से जुड़ा है। कस्बा के वार्ड क्रमांक 2 निवासी लखन सेन और कैलाश गौड़ का दतिया न्यायालय में जमीनी विवाद चल रहा था। 10 सितंबर को न्यायालय ने कैलाश गौड़ के पक्ष में फैसला सुनाया था। न्यायालय के फैसले से असंतुष्ट होकर दबाव बनाने के उद्देश्य से लखन सेन ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिल कर 14 सितंबर को पहले कैलाश के घर पथराव किया। फिर घर में घुस कर मारपीट कर तोड़फोड़ की। घटना का वीडियो घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। पीड़ित पक्ष का आरोप- पुलिस ने नहीं सुनी थाने से भगा दिया पीड़ित पक्ष का आरोप है कि घटना के बाद जब वे थाने पहुंचे तो पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी उन्हें थाने से भगा दिया गया। बल्कि आरोपी लखन सेन की शिकायत पर कैलाश गौड़, गोविंद गौड़ और मंगल गौड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, वीडियो वायरल होने के बाद मामला उजागर हुआ। अब पुलिस की कार्य शैली पर सवाल उठने लगे हैं। एसपी ने थाना प्रभारी को दिए कार्रवाई के निर्देश मामले को लेकर पीड़त पक्ष के लोग बुधवार को एसपी दफ्तर पहुंचे और मदद की गुहार लगाई है। वहीं, दतिया पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार शिवहरे का कहना है कि थाना प्रभारी की उचित वैधानिक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है।