छतरपुर जिले की सेवा सहकारी समिति बाजना के पूर्व समिति प्रबंधक पर एक युवक ने मारपीट का आरोप लगाया है। इसको लेकर युवक ने मंगलवार को जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर को आवेदन पत्र सौंपा। पत्र में युवक ने बताया कि उसने पूर्व प्रबंधक के खिलाफ उसके खाते से अवैध तरीके से लोन लेकर पैसे निकालने की शिकायत की थी। जिसके बाद उसने युवक के पिता से मारपीट की। दरअसल, आवेदक बलराम लोधी के पिता नोनेलाल लोधी समिति में सेल्समैन के पद पर पदस्थ है। उसने बताया कि मारपीट करने वाला आरोपी राजेश तिवारी सेवा सहकारी समिति बाजना का पूर्व प्रबंधक है, जो अगस्त 2024 तक पद पर था। इस दौरान युवक के पिता ने समिति से 40 हजार का लोन लेने के लिए आवेदन किया था। जिस पर पूर्व प्रबंधक ने उनसे खाली चेक पर साइन करवा लिए और हमारे खाते पर 2 लाख 40 हजार रुपए का लोन ले लिया। लेकिन युवक के पिता को सिर्फ 40 हजार की राशि दी। फर्जीवाड़े की शिकायत करने पर पूर्व प्रबंधक ने मारपीट की युवक ने बताया कि इसका पता उसके पिता को तब चला जब प्रबंधक के पद पर इशिका जैन की नियुक्ति हुई और उन्होंने बकायदारों को नोटिस जारी किया। जिसका नोटिस सेल्समैन पिता लोगों को देने पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनके नाम रिकॉर्ड में 2.41 लाख रुपए ऋण दर्ज है और इसका नोटिस आया है। जिसके बाद उसके पिता ने पूर्व प्रबंधक तिवारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। इस पर पूर्व प्रबंधक तिवारी भड़क गया और उसने नोनेलाल के साथ मारपीट कर दी। शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई युवक ने बताया कि तिवारी ने उसके पिता के अलावा भी कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की है और खाली चेक में साइन करवाकर ज्यादा का लोन लिया है। इसकी शिकायत वो कई बार जनसुनवाई में डीएम से कर चुका है, लेकिन पूर्व प्रबंधक पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इन लोगों के साथ भी हुआ फर्जीवाड़ा
युवक बलराम लोधी ने आरोप लगाया कि हीरा अहिरवार ने समिति से 1.40 लाख रुपए का लोन लिया था, लेकिन रिकार्ड में उसके नाम पर 3,13,400 रुपए का लोन दर्ज है। पूरन आदिवासी ने 30 हजार रुपए का लोन लिया था, लेकिन उस पर 3,13,400 रुपए दर्ज है। इसके साथ ही रामलाल आदिवासी, थैली आदिवासी, रज्जू आदिवासी और हल्लू आदिवासी ने 50 हजार का लोन लिया, लेकिन 1 लाख दर्ज है। वहीं, हरदास आदिवासी ने 10 हजार रुपए का लोन लिया था, लेकिन उसके खाते में एक लाख रुपए दर्ज है। जांच के बाद होगी कार्रवाई वहीं, मामले में बकस्वाहा तहसीलदार भरत पांडेय ने बताया कि इस मामले में एसडीएम के निर्देश पर जांच की जाएगी। फिलहाल उसे नोटिस दिया जा रहा है।