हलाल मीट एक्सपोर्ट करने का समग्र जैन समाज ने विरोध किया है। समाज के वरिष्ठजन ने केंद्र सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने 15 मुस्लिम देशों को हलाल मांस निर्यात करने का फैसला लिया है। इसको लेकर विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने अधिसूचना जारी की है। हलाल मांस का निर्यात 16 अक्टूबर से शुरू होगा। भारत सरकार ने महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव किए हैं, जिसके तहत 15 मुस्लिम बहुल देशों को हलाल-प्रमाणित मांस और मांस उत्पादों का निर्यात शुरू करने का फैसला किया है। सरकार का यह कदम काफी दिलचस्प और बहस को जन्म देता है, क्योंकि देश के भीतर हलाल प्रमाणन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इन उत्पादों को ‘भारत अनुरूपता मूल्यांकन योजना (I-CAS) हलाल’ प्रमाणन का अनुपालन करना होगा, जिसकी देखरेख भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) द्वारा की जाती है। इन्हें 15 मुस्लिम बहुल देशों को भेजने के लिए निर्धारित किया गया है। वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. जैनेन्द्र जैन, महावीर ट्रस्ट के अध्यक्ष अमित कासलीवाल, फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश विनायका, मीडिया प्रभारी राजेश जैन दद्दू, हंसमुख गांधी, टीके वेद, प्रदीप बडजात्या, अशोक मेहता, कांतिलाल बम, भूपेंद्र जैन, कमल जैन, परवार समाज महिला संगठन की अध्यक्ष मुक्ता जैन, सारिका जैन, फेडरेशन की राष्ट्रीय शिरोमणि संरक्षिका पुष्पा कासलीवाल आदि समाजजन ने सरकार के इस कदम को बहुत ही निंदनीय करार दिया और इस फैसले पर पुनर्विचार करने का निवेदन किया।