इंदौर में एलिवेटेड कॉरिडोर को बनाने की फिर मांग उठी:सज्जन सिंह वर्मा ने गडकरी को लिखा पत्र, कहा- मुख्यमंत्री के निर्णय पर पुन: विचार हो

Uncategorized

कांग्रेस दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सोमवार को भूतल व परिवहन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को एक पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि इंदौर के एलिवेटेड कॉरिडोर को निरस्त कर 7 ओवर ब्रिज बनाने का अव्यवहारिक निर्णय है। मुख्यमंत्री मोहन यादव इस पर पुन: विचार करें। वर्मा ने इस लेटर की एक प्रतिलिपि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भी भेजी है। पत्र में लिखा है- इंदौर शहर में एलआईजी चौराहा से नौलखा चौराहा तक बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज की स्वीकृति के लिए आपका प्रयास सदैव काबिल-ए-तारीफ रहा था। इस ब्रिज के बनने से जहां शहर को यातायात के दबाव से मुक्ति मिलती है। इस एलिवेटेड ब्रिज को लेकर बकायदा फिजिकली सर्वे भी किया गया था। इंदौर के एलिवेटेड ब्रिज के टेंडर बेहद पारदर्शी तरीके से हुए थे। यह टेंडर उत्तरप्रदेश सरकार की इकाई ब्रिज कार्पोरेशन को मिला था। इसमें भ्रष्टाचार की कोई गुजाइश नहीं थी। इस एलिवेटेड ब्रिज को लेकर टेंडर होने के बाद इसका काम भी प्रारंभ हो चुका था। सीएम ने पूरी योजना को निरस्त कर दिया पिछले दिनों मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस पूरी योजना को निरस्त कर दिया। उन्हें स्थानीय नेताओं ने गुमराह कर शहर की जरूरतों को नजरअंदाज किया। उन्हें गलत जानकारी दी गई। इसके चलते मुख्यमंत्री ने 7 नए ओवर ब्रिज बनाने का ऐलान कर दिया है। इंजीनियरों ने मंत्री विजयवर्गीय को दी थी एक रिपोर्ट मामले में इंदौर के ख्यातनाम इंजीनियरों ने पूरे मामले में एक रिपोर्ट बनाकर मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को भी दी है। जिसमें उन्होंने ओवरब्रिजों के निर्माण को पूरी तरह अव्यवहारिक बताते हुए यह भी बताया कि यह सभी ओवरब्रिज ओवर लेप हो जाएंगे, साथ ही निकलने के लिए सर्विस रोड भी नहीं मिल पाएगी। यह योजना कांग्रेस के कार्यकाल में मेरे मंत्रित्व काल के अंतर्गत स्वीकृत की गई थी। मध्यप्रदेश को लेकर आपकी व्यापक और सार्थक सोच की वजह से ही आपने इंदौर को एलिवेटेड पूल की सौगात मात्र 7 मिनट में ही दे दी थी। इसी के साथ जबलपुर, भोपाल, देवास के एलिवेटेड ब्रिज भी स्वीकृत किए गए थे, जो बनकर तैयार हो हैं। एमपी सरकार को 35 करोड़ का नुकसान जबलपुर के एलिवेटेड पुल का भूमि पूजन आपके और मैंने किया था। वह भी बनकर तैयार हो चुका है। इंदौर का एलिवेटेड पुल का ठेका निरस्त होता है तो मध्यप्रदेश सरकार को 35 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व नुकसान भी होगा और इंदौर शहर विकास की रफ्तार से फिर 5 साल पीछे चला जाएगा। अभी हमारा शहर यातायात की विभीषिका को झेल रहा है। एलिवेटेड पुल ही इसका एक मात्र समाधान है। मेरा विश्वास है कि आप इसमें दूरदर्शी निर्णय लेंगे। इसके लिए पूरा इंदौर शहर आपका आभारी रहेगा। मैं स्वयं पूरी कांग्रेस की तरफ से आपका भव्य स्वागत करूंगा।