हिंदू उत्सव समिति के द्वारा स्थानीय विजय मंदिर में रविवार को दशहरा मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इसके पहले विजय उत्सव शोभा यात्रा भगवान श्री राम के चित्र के साथ नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई विजय स्तंभ मंदिर पहुंची। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विश्व हिंदू परिषद मार्गदर्शक मंडल के सदस्य संत श्री 108 हरिंहरानद विशेष रूप से उपस्थित थे। अतिथि स्वागत हिंदू उत्सव समिति अध्यक्ष बाबूलाल गेहलोत व उपाध्यक्ष जगदीश राठौड़ ने किया। संगठन गीत ओम प्रजापत मृणाल दौराया द्वारा लिया गया। इसके बाद स्वागत उद्बोधन में हिंदू उत्सव समिति अध्यक्ष बाबूलाल गेहलोत ने बताया कि विजय उत्सव विजय मंदिर पर मनाने की परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है, जिसका निर्वाह प्रतिवर्ष हिंदू उत्सव समिति कर रही है, यहां के स्तंभों में मंदिर होने के कई प्रमाण आज भी मौजूद है जैसे वराह अवतार आदि की मूर्ति हम स्तंभों पर देख सकते हैं। इस उत्सव पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरिंहरानद महाराज हिंदू समाज को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का एक नेता जिसकी खुद की जात का पता नहीं है वह धर्म के आधार पर समाज को बांटने में लगा हुआ है। सामाजिक सद्भाव और एकता के लिए जाति और धर्म से ऊपर उठकर एकजुट होने की आवश्यकता है। पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की दुर्दशा हो रही है वहां हिंदू समाज जात पात में बंटा हुआ है। यदि हम जात-पात में बांटेंगे तो आने वाला भविष्य सुरक्षित नहीं है। इसलिए हमें देश व राष्ट्रीय हित में संगठित रहना अति आवश्यक है। हमें जातियों नहीं बंटना संत श्री ने कहा कि हम संगठित रहेंगे तो कोई आसुरी शक्ति हमें पराजित नहीं कर सकती है। हमें जातियों में नहीं बंटना है, अपने हृदय में हिंदुत्व का भाव सदैव जागृत रखना है। तभी हम अपने धर्म को बचा पाएंगे, भगवान श्रीराम की महा आरती वरिष्ठ जनों द्वारा की गई। कार्यक्रम का संचालन राजेश शुक्ला द्वारा किया गया व अंत में आभार प्रदर्शन दुलीचंद बानिवाल द्वारा किया गया।