राजगढ़ में नवरात्रि का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। शहर भर में 40 से अधिक भव्य पंडाल सजाए गए हैं, जहां मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की अद्भुत प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इन प्रतिमाओं को सजाने के लिए बंगाल से विशेष सामग्री मंगवाई गई है, जिससे ये और भी आकर्षक लग रही हैं। शाम होते ही शहर की रौनक दोगुनी हो जाती है। पंडालों में आरती के बाद गरबे, भजन और कीर्तन किए जाते हैं। भक्तों की भारी भीड़ इन पंडालों में उमड़ रही है। देर रात तक भक्त माता की भक्ति में लीन रहते हैं। जानिए राजगढ़ में कहां कौन से रूप में विराजी हैं माता राजगढ़ के खिलचीपुर नाके पर अंजनीलाल धाम युवा समिति ने इस साल मां दुर्गा की 5 शेरों पर सवारी करने वाले स्वरूप की अत्यंत मनमोहक स्थापित की है। समिति पिछले 25 साल से लगातार माता की प्रतिमा की स्थापना कर रही है। इस साल प्रतिमा के श्रृंगार के लिए बंगाल से सामग्री बुलवाई गई है। नगर पालिका के बाहर त्रिशूल मित्र मंडल ने माता दुर्गा की विशाल प्रतिमा स्थापित की है। इस प्रतिमा में मां दुर्गा के हाथों पर 9 देवियां विराजमान हैं। पंडाल में माता के साथ राधा-कृष्ण और भगवान राम-लक्ष्मण शिवलिंग की पूजा करते हुए मौजूद हैं। उल्लेखनीय है कि समिति पिछले 44 वर्षों से लगातार दुर्गा मां की प्रतिमा की स्थापना कर रही है। जयस्तंभ चौराहे पर एकता ग्रुप ने इस साल मां दुर्गा के अलग-अलग 9 रूपों की स्थापना की है। समिति पिछले 27 वर्षों से माता की प्रतिमा की स्थापना कर रही है। यहां रोज शाम की आरती के बाद लगातार पिछले 9 दिनों से भंडारा चल रहा है। पारायण चौक पर माई माता उत्सव समिति ने इस साल शेरावाली मैया की प्रतिमा स्थापित की है। बता दें कि समिति पिछले 11 सालों से लगातार मां की प्रतिमा की स्थापना कर रही है।