हम प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव की लाड़ली बहना है, वहीं दूसरी ओर जब हम भाई से अपना हक मांगते है तो पुलिस लाठी चार्ज करती है। लाड़ली बहनों को हर माह पैसे दे रहे है, हम तो नौकरी मांग रहे है…ये कहना है मध्यप्रदेश की अतिथि शिक्षक संघ की महिलाओं का। दरअसल, इन अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि भोपाल में हुए प्रदर्शन के दौरान उनके साथ लाठी चार्ज किया गया। जिसे लेकर गुरुवार को राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम जबलपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंप मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है। घोषणा पर अमल नहीं हुआ तो राजधानी में जुटे थे अतिथि 2 सितंबर 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में अतिथि शिक्षक महापंचायत आयोजित की थी, जिसमें गुरुजियों की तर्ज पर विभागीय परीक्षा, वार्षिक अनुबंध, सीधी भर्ती में 50% आरक्षण और बोनस अंक देकर नियमित करने की घोषणा की गई थी। एक वर्ष बाद भी जब आदेश जारी नहीं हुआ तो 10 सितंबर 2024 को भोपाल में हजारों की संख्या में जुटे थे। जिसके बाद 11 सितंबर 2024 को मंत्रालय में शासन प्रशासन और अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक हुई। जिसमें कुछ तात्कालिक मांगों पर सहमति बनी थी। सहमति के बाद भी आदेश जारी नही होने पर 2 अक्टूबर 2024 को प्रदेशभर के अतिथि शिक्षकों ने भोपाल के तुलसी नगर अंबेडकर पार्क में एकत्रित होकर प्रदर्शन किया था। तब अतिथि शिक्षकों पर लाठी चार्ज और एफआईआर भी दर्ज की गई थी। तीन माह से नहीं मिला वेतन 2 अक्टूबर को हम अपनी मांगो को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे। उस दौरान पुलिस बल पहुंचा और बर्बरतापूर्ण हम लोगों पर लाठी बरसाई। पुलिस हमारी रक्षा के लिए है या फिर लाठीचार्ज करने के लिए। हमें तीन माह से वेतन नहीं दिया गया है। आरती मौर्य, अतिथि शिक्षक चार नामजद सहित अन्य के खिलाफ हुई थी FIR थाना टीटी नगर पुलिस ने अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष केसी पवार, बीएम खान, मुकेश जोशी, संतोष व अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। थाना प्रभारी सुनील भदौरिया के मुताबिक अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन बिना अनुमति किया जा रहा था। बीएनएस की धारा 223 के अंतर्गत आरोपितों पर प्रकरण दर्ज किया गया था। यह खबर भी पढ़ें.. अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने सड़क से जबरन हटाया:प्रदर्शनकारियों ने लगाया लाठीचार्ज का आरोप; प्रदेशाध्यक्ष बोले- महिलाओं को चोट आईं नियमितिकरण की मांग को लेकर भोपाल में प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने सड़क से जबरन हटा दिया। बुधवार दोपहर बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया था। जिसके बाद वे सड़क पर ही बैठ गए और सरकार और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। देर शाम 8 बजे तक वो सड़क पर बैठे रहे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें जबरन सड़क से हटाया। सड़क से उठने के बाद प्रदर्शनकारी पैदल कांग्रेस कार्यालय की ओर चल दिए। संघ के अध्यक्ष केसी पवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। जिसमें कई महिला अतिथि शिक्षकों को चोटें आई हैं।पूरी खबर