दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना के बदले टैक्स की मांग:केंद्रीय संस्थान के फरमान के विरोध में चक्काजाम; प्रदर्शनकारी बोले- अधिकारी सनातन विरोधी

Uncategorized

जबलपुर में केंद्रीय सुरक्षा संस्थान गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) ने अपनी जमीन पर दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना के बदले में टैक्स की डिमांड की है। फैक्ट्री के इस फरमान के खिलाफ सोमवार को लोग सड़क पर उतर आए। जबलपुर – अमरकंटक रोड पर 3 घंटे तक जाम लगाए रखा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जीसीएफ के मौजूदा अधिकारी सनातन विरोधी हैं। घमापुर से लेकर लाल मिट्‌टी, चुंगी चौकी में 50 साल से दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना होती आ रही है। इसके पहले कभी भी फैक्ट्री की ओर से आपत्ति नहीं आई। यह पहली बार है, जब टैक्स वसूला जा रहा है। घमापुर और कैंट थाने की पुलिस के साथ सीएसपी आरकेएस राठौर मौके पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों को शांत कराया। फैक्टी के एजीएम का फरमान- नवरात्रि मेला नहीं होने देंगे
घमापुर में चुंगी चौकी मैदान में हर साल दुर्गा प्रतिमा की की स्थापना होती है। मेला भी लगता है। नवयुवक मंडल दुर्गोत्सव समिति यह आयोजन कराता है। समिति का आरोप है कि जीसीएफ की ओर से उनसे 50 हजार रुपए की मांग की जा रही है। फैक्ट्री की ओर से कहा गया है कि दुर्गा प्रतिमा की स्थापना करना है और मेला लगाना है, तो 50 हजार रुपए की रसीद कटवानी होगी। फैक्ट्री के असिस्टेंट जनरल मैनेजर राहुल चौधरी ने यह आदेश निकाला है। उन्होंने कहा है कि 50 हजार रुपए जमा नहीं करने पर मेला नहीं होगा। इस फरमान का पता लगते ही आज घमापुर और आसपास के लोग लाल मिट्‌टी इलाके में जुटे और चक्काजाम कर दिया। 50 साल से आयोजन, पहले फैक्ट्री की ओर से इंतजाम होते थे
फैक्ट्री की जमीन पर 3 प्रतिमाएं स्थापित हैं। नवयुवक मंडल दुर्गात्सव समिति के सदस्य दीपक नाहर का कहना है कि हम 50 साल से नवरात्रि मेले का आयोजन करते आ रहे हैं। इसके पहले फैक्ट्री की ओर से पानी और दूसरे इंतजाम किए जाते थे। लेकिन, इस बार सनातन विरोधी फरमान जारी किया गया है। लाल मिट्टी इलाके में जितनी भी दुर्गा प्रतिमा रखी गई हैं, सभी से टैक्स मांगा गया है। इससे पहले भी जब भागवत कथा करवाई थी, तब भी हम लोगों से राशि मांगी गई थी और अब नवरात्रि मेले का नाम पर पैसा मांगा जा रहा है। हम अधिकारियों से बात कर रहे
सीएसपी आरकेएस राठौर का कहना है कि लोगों की मांग है कि फैक्ट्री के आदेश को तुरंत ही रद्द करवाया जाए। इस बारे में फैक्ट्री के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की जा रही है। दोनों ही पक्षों को साथ में बैठाया गया है।