अतिथि शिक्षकों ने रैली निकालकर जताया आक्रोश:भोपाल में हुए लाठीचार्ज की घटना का विरोध किया

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नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश के अतिथि शिक्षकों ने दो अक्टूबर गांधी जयंती को भोपाल में प्रदर्शन किया था। जहां पर पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों के साथ बर्बरता की थी। इसी बात से नाराज जिलेभर के अतिथि शिक्षकों ने सोमगाव को आक्रोश रैली निकालकर कर घटना को लेकर विरोध जताया है। इस एक शिक्षक गांधी जी वेश धारण कर पहुंचा। इस दौरान अतिथि शिक्षक संघ ने प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर सजीव कुमार नागू को सौंपा है। साथ ही भोपाल में प्रदर्शन कर रहे अतिथि शिक्षकों के खिलाफ की गई एफआईआर को वापस लेने और उन्हें नियमित किए जाने की मांग की है। वहीं, एक सप्ताह में एफआईआर वापस नहीं लेने पर प्रशासन को आमरण अनशन की चेतावनी दी है। अतिथि शिक्षक संघ महिला संगठन की जिलाध्यक्ष जयश्री पाल ने बताया कि सालों से स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे अतिथि शिक्षकों के द्वारा अपनी जायज मांगो को लेकर दो अक्टूबर को भोपाल में धरना दिया गया था। जहां पर उन्हें बिना किसी सूचना के पुलिस ने लाइट बंद कर अतिथियों के साथ बर्बरता कर लाठीचार्ज किया गया है। लाइट बंद करके बिना किसी चेतावनी के वर्बरता पूर्ण व्यहवार के साथ गालीगलौच करते हुए अतिथि शिक्षक भाई-बहनों पर लाठीचार्ज कर जमकर पिटाई की गई। जिसमें कई दर्जन अतिथि शिक्षकों को गम्भीर चोटें आई है। साथ ही संगठन के पदाधिकारियों सहित 250 अतिथि शिक्षक/शिक्षिकाओं पर झूठी एफआईआर दर्ज की गई है। जो कि घोर निंदनीय है। उन्होंने आगे कहा कि जबकि 2 सितंबर 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि शिक्षकों की महापंचायत भोपाल में आयोजित कर अनेक घोषणाएं की थीं। जिसमें उन्होंने कार्यनुभव और वरिष्ठता के आधार पर गुरुजियों की तर्ज विभागीय परीक्षा, वार्षिक अनुबंध, सीधी भर्ती में 50% प्रतिशत आरक्षण और बोनस अंक देकर नियमित करने की घोषणा की थी। लेकिन उन घोषणाओं पर अब तक कोई अमल नहीं किया गया है। वहीं, संगठन के जिलाध्यक्ष वशिष्ठ यादव ने बताया कि हमारे संगठन ने सोमवार को जिला मुख्यालय पर नियमितीकरण करने सहित हमारे साथियों पर दर्ज की गई एफआईआर को वापस लेने की मांग को लेकर रैली निकालकर कर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध जताया है। वहीं, दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही की मांग की है।