आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी का मामला सामने आने के बाद पूरे देश में इस मामले में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। शनिवार को सतना में भी हुंकार रैली निकाल कर सामाजिक-धार्मिक, व्यापारिक संगठनों, संस्थाओं व मठ – मंदिरों के साधु-संतों ने विरोध प्रदर्शन किया। शहर के गुरु नानक दरबार से निकाली रैली में सैकड़ों लोग हाथों मे तख्तियां लिए, धर्म – आस्था रक्षा के नारे लगाते – विरोध जताते हुए निकले और कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्ट्रेट में एक सभा कर सरकार से सनातन धर्म और सनातन धर्मियों की आस्था की रक्षा की अपील की गई और उस पर लगातार हो रहे प्रहारों पर विरोध जताया गया। रामानुज वैष्णव मंडल के व्यवस्थापक रामचरण गुप्ता ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मंदिर के लड्डू में चर्बी मिलाई जा रही है। पहले मुगलों ने हमारे मंदिरों को तोड़ा था। अब तो यह हमारी आस्था नष्ट करने में लगे हुए हैं, जो ज्यादा खतरनाक है। मंदिर तो हमने बना लिया। इसमें भी कुछ को बहुत तकलीफ है कि राम मंदिर कैसे बन गया, लेकिन अब प्रसाद में मिलावट कर हमारी आस्था पर प्रहार कर उसे नष्ट किया जा रहा है दोषियों को मिले सख्त सजा: स्वामी धरणीधाराचार्य स्वामी धरणीधाराचार्य ने कहा कि अब सावधान रहने की ज्यादा जरूरत है। ये हिन्दू सनातन धर्म पर बड़ा हमला है। इसके पीछे की मुख्य वजह प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला घी है। तिरुपति के प्रसाद यानी लड्डुओं को बनाने में मछली का तेल और पशु चर्बी का इस्तेमाल हुआ। उन्होंने कहा कि प्रसाद में मिलावट करने वाले दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले। इस दौरान कलेक्ट्रेट में सिटी मजिस्ट्रेट राहुल सिलाड़िया को राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन भी सौंपा गया। ज्ञापन के साथ तमाम संस्थाओं के समर्थन पत्र भी संलग्न किए गए थे। हुंकार रैली में विभिन्न संस्थाओं – संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।