धार के जनजातीय छात्रावास में दो छात्रों के शव पानी की टंकी में मिलने के बाद जनजातीय कार्य विभाग ने बड़ा फैसला किया है। अब नए निर्माण कार्य और मेंटेनेंस, रिपेयरिंग के काम पीडब्ल्यूडी, आरईएस, हाउसिंग बोर्ड, पीआईयू जैसी संस्थाओं के बजाए जनजातीय कार्य विभाग खुद करेगा। इसके लिए जनजातीय कार्य विभाग खुद की टेक्निकल विंग बनाने जा रहा है। दरअसल, धार के जनजातीय छात्रावास में पानी की टंकी में छात्रों की मौत हो गई थी। शुरुआती जांच में यह पता चला था कि छात्रों को टंकी में करंट लगा और उनकी मौत हुई है। इलेक्ट्रिक सेफ्टी में हुई चूक के बाद हॉस्टल्स में मेंटेनेंस को लेकर सवाल उठ रहे हैं। रिपेयरिंग और नए निर्माण में नहीं होगी देरी जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने बताया विभाग में अब टेक्निकल अमला कैबिनेट से मंजूर हो गया है। इससे निर्माण कार्य समय पर हो सकेंगे। पीडब्ल्यूडी, आरईएस, हाउसिंग बोर्ड जैसी एजेंसियों पर निर्भरता कम होगी। विभाग की बिल्डिंग्स का निर्माण ठीक क्वालिटी का हो सकेगा। मॉनिटरिंग और जवाबदारी भी तय हो सकेगी।अभी रिपेयरिंग के काम के लिए भी पीडब्ल्यूडी के भरोसे रहना पड़ता है। काम में देरी की वजह से हर साल विभाग को सौ करोड का घाटा
विभागीय अफसरों की मानें तो कई काम ऐसे होते हैं जो दूसरे विभागों की निर्माण एजेंसियों के जिम्मे होते हैं वे कई साल गुजरने के बाद भी पूरे नहीं हो पाते। एक्स्ट्रा पैसे देकर हर साल करीब 100 करोड़ ज्यादा फंड देना पड़ता है। ऐसे में निर्माण और रिपेयरिंग वर्क में विभाग को सौ करोड़ का नुकसान होता है। धार जैसी घटनाएं रोकने निगरानी रखेगा तकनीकी अमला
विभागीय अधिकारियों की मानें तो धार में जिस तरह की छात्रावास में पानी की टंकी में दो छात्रों की डूबने से मौत हुई। ऐसी घटनाएं ना हों इसके लिए सभी काम टाइम पर होंगे। हर जिले में एक इंजीनियर, एसडीओ होंगे। जो निर्माण कार्य और रिपेयरिंग, मेंटेनेंस की निगरानी करेंगे। 50 करोड तक के काम विभाग करा पाएगा
एक हजार करोड की बिल्डिंग वर्क दूसरे विभाग के भरोसे होते थे अब बंद होंगे। टेक्निकल विंग अब अपने विभाग से ही 50 करोड की बिल्डिंग के टेंडर कराकर काम करा पाएगा। कई जगहों पर पीआईयू द्वारा बनाई गई कई बिल्डिंग्स की क्वालिटी बहुत खराब है। जनजातीय कार्य विभाग का तकनीकी अमला कैबिनेट से मंजूर इन पदों पर भी होगी भर्ती
सहायक यंत्री (विद्युत) – 3 पदों पर भर्ती होगी। मुख्यालय और जिलों से संबंधित सभी काम देखेंगे।
उपयंत्री (सिविल) के कुल 123 पदों पर भर्ती होगी। जिनमें दो पद मुख्यालय स्तर के होंगे। जो मुख्यालय स्तर के सभी काम देखेंगे। श्योपुर में एक, रतलाम में दो, धार में 12, अलीराजपुर में 6, खरगोन में 7, खंडवा में एक, बुरहानपुर में एक, बड़वानी में 7, नर्मदापुरम में एक, बैतूल में 7, छिंदवाड़ा में 4, डिंडोरी में 7, बालाघाट में 3, शहडोल में 4, अनूपपुर में 4, मंडला में 9, सिवनी में 5, उमरिया, सीधी और सिंगरौली जिले के एक-एक आदिवासी ब्लॉक में एक -एक सब इंजीनियर (सिविल) की भर्ती होगी। इनका फोकस आदिवासी ब्लॉक और कार्यक्षेत्र पूरा जिला रहेगा।
ग्वालियर, अशोकनगर, दतिया, गुना, मुरैना, देवास, शाजापुर, इंदौर, भोपाल, हरदा, रीवा, सतना, मंदसौर, नीमच, उज्जैन, आगर-मालवा, रायसेन, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, भिंड, सागर, निवाड़ी, पन्ना, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, जबलपुर, कटनी नरसिंहपुर में इनका कार्यक्षेत्र पूरा जिला होगा। उपयंत्री (विद्युत) के कुल 9 पदों पर भर्ती होगी।इनमें 3 पद मुख्यालय स्तर के होंगे। बाकी भोपाल, जबलपुर, शहडोल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर,चंबल संभाग में एक-एक सब इंजीनियर नियुक्त होगा।
मुख्यालय स्तर पर एक निर्माण सहायक, एक सहायक मानचित्रकार, सात प्रगति सहायक और एक अनुरेखक की नियुक्ति की जाएगी।