मऊगंज कलेक्टर की गोशाला का शुभारंभ हुए अभी दो दिन हुए हैं। इसको लेकर गोवंश को खुले में छोड़ने वाले पशुपालकों में काफी बेचैनी देखी जा रही है। यहां आईं गायों को कलेक्टर वापस पशुपालकों को नहीं दे रहे हैं। जिससे पशुपालक बंगले पर पहुंचकर गोवंश वापस देने की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन कलेक्टर ने साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि आवारा पकड़े गए गोवंश को पशुपालकों को नहीं दिया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। जनपद और तहसील स्तर पर भी जल्द चलेगी मुहिम कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि आवारा गोवंश की समस्या लोगों ने पैदा की है। इस समस्या का समाधान भी जन जागरूकता से किया जाएगा। अभी यह अभियान मऊगंज नगर में चलाया जा रहा है। इसे जल्द ही जनपद और तहसील स्तर पर भी चलाया जाएगा। गोवंश गोद लेने वालों की बढ़ रही संख्या कलेक्टर की गोशाला से गोवंश गोद लेने वालों की संख्या बढ़ रही है। 2 दिन में आधा सैकड़ा करीब 50 लोगों ने गोवंश को गोद लिया है। उम्मीद है कि इस मुहिम से जहां सड़कों से आवारा गोवंश हटेंगे। वहीं किसानों को भी राहत मिलेगी। कलेक्टर ने कहा कि गोवंश गोद लेने वाले लोगों की सूची जहां से भी उन्हें प्राप्त होगी। उस क्षेत्र में आवारा गोवंशों को पड़कर अस्थायी तौर पर बनाए जाने वाले बाड़े में रखकर प्रमाण पत्र के साथ गोवंश गोद लेने वालों को सौंपा जाएगा और उन्हें सम्मानित किया जाएगा। मऊगंज जिले में शुरू हुआ नवाचार आवारा गोवंश से किसान परेशान हैं। क्योंकि इससे किसानों की फसलें चौपट हो रही हैं। लगातार सड़कों पर एक्सीडेंट हो रहे हैं। इसको देखते हुए कलेक्टर ने ये शुरूआत की है। गोवंश खुले में छोड़ने पर होगी कार्रवाई कलेक्टर ने पशुपालकों से आग्रह किया है कि वह अपने गोवंशों को बांधकर रखें। आवारा ना छोड़े। आवारा सड़कों पर पाए जाने पर वह कलेक्टर की गौशाला में यदि पहुंच गए तो पुनः उन पशुपालकों को वह गोवंश नहीं मिलेंगे और उनके ऊपर वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी।