नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में मंगलवार की सुबह इलाज के दौरान हिन्दू सेवा परिषद के कार्यकर्ता दीपक केवट (25) की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डायलिसिस के दौरान टेक्नीशियन ने लापरवाही बरती जिस वजह से मौत हुई है। दीपक की मौत की जानकारी लगते हुए मंगलवार की सुबह परिजनों के साथ हिन्दू सेवा परिषद के कार्यकर्ता मेडिकल कॉलेज पहुंचे और जमकर हंगामा किया। दीपक का शव मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट पर रखकर करीब चार घंटे तक प्रदर्शन किया गया और लापरवाही करने वाले स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। हंगामे की जानकारी मिलते ही गढ़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के परिजनों को समझाने में जुटी रही। पुलिस का कहना था कि मेडिकल कॉलेज की तरफ से इलाज में अगर लापरवाही बरती गई है तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आ जाएगा, हालांकि परिजनों का कहना था कि वह पीएम नहीं करवाना चाहते है। परिजनों का यह भी आरोप है कि बाउंसरों के द्वारा भी मारपीट की गई है। मंगलवार को चले हंगामे के बाद एसडीएम मौके पर पहुंचे और जांच की बात कही गई जिसके बाद प्रदर्शन शांत हुआ और परिजन शव को लेकर ग्वारीघाट के लिए रवाना हुए।
ग्वारीघाट निवासी हिन्दू सेवा परिषद के कार्यकर्ता दीपक केवट की किडनी में प्रॉब्लम आ गई थी, जिसका बीते छह माह से मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा था। दीपक को डायलिसिस के लिए शनिवार को मेडिकल कॉलेज के फोर्थ फ्लोर में वार्ड नंबर 15 में भर्ती करवाया गया। परिजनों का कहना है कि दीपक की तबीयत में सुधार भी हो रहा था, सोमवार की रात को जब डायलिसिस किया जा रहा था, उस दौरान टेक्निशियन ने लापरवाही बरती जिसके चलते दीपक का काफी मात्रा में खून गिर गया, वार्ड के बाहर बैठे परिजनों ने देखा कि डायलिसिस मशीन में दीपक अकेला पड़ा तड़प रहा है, तुरंत ही डॉक्टरों को सूचना दी गई, इलाज भी किया गया जहां मंगलवार की सुबह दीपक की मौत हो गई। दीपक की मौत को लेकर परिजनों का कहना था जो कि टेक्नीशियन डायलिसिस कर रहा था, वह मोबाइल में व्यस्त था, जिसके चलते उसने मशीन पर ध्यान नहीं दिया और दीपक की मौत हो गई। हिन्दू सेवा परिषद के कार्यकर्ता दीपक केवट के बड़े भाई अमन केवट ने बताया कि सोमवार की सुबह से मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस के लिए उसे भटकाया जा रहा था, आखिरकार रात को पुरानी बिल्डिंग के वार्ड नंबर 15 में शिफ्ट करने के बाद जब डायलिसिस की तैयारी की जा रही थी, उस दौरान टेक्नीशियन ने लापरवाही बरती और मरीज पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि जिस व्यक्ति को दीपक का डायलिसिस करना था, उस से मशीन चलाते नहीं बन रही थी, आधे घंटे बाद टेक्नीशियन ने कहा कि किट में एयर आ गई और फिर मशीन को बंद करने के बाद मोबाइल में व्यस्त हो गया। थोड़ी देर बाद डाक्टर आए तो उन्होंने दीपक की हालत नाजुक बताई और आखिरकार मंगलवार की सुबह उसकी मौत हो गई। हिन्दू सेवा परिषद के कार्यकर्ता की इलाज के दौरान मौत हो गई है, जैसे ही पता चला तो परिजनों के साथ महानगर अध्यक्ष अतुल जेसवानी, महानगर उपाध्यक्ष नितिन सोनपाली के साथ कार्यकर्ता पहुंचे और जमकर हंगामा किया। हिन्दू सेवा परिषद के कार्यकर्ताओं का कहना है कि इलाज में लापरवाही बरतने वाले टेक्नीशियन के खिलाफ जब तक कार्रवाई नहीं होती है, तब तक लगातार प्रदर्शन किया जाएगा। अतुल जेसवानी का कहना है कि मेडिकल कालेज में ना इलाज के दौरान लापरवाही बरती गई, बल्कि परिजनों को भटकाया भी गया, उन्होंने कहा कि जिस टेक्नीशियन को डायलिसिस का काम दिया गया था, उससे काम बिल्कुल भी नहीं बन रहा था, यही वजह थी कि खून मशीन में ही जाकर रुक गया और शरीर में एयर भर गई और फिर दीपक की मौत हो गई। हिन्दू सेवा परिषद के महानगर उपाध्यक्ष ने मेडिकल कॉलेज में तैनात बाउंसर पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि दीपक की मौत के बाद जब परिजनों ने दोषी पर कार्रवाई की मांग की तो उनके साथ मेडिकल कालेज में तैनात बाउंसर ने धक्का-मुक्की की और मेडिकल कालेज से बाहर निकाल दिया। हिन्दू सेवा परिषद के महानगर अध्यक्ष अतुल जेसवानी का कहना है कि डीन डाक्टर नवनीत सक्सेना से बात करने के बाद मांग की गई है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए और जो भी दीपक की मौत के लिए जिम्मेदार है, ना सिर्फ उनके खिलाफ विभागीय बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जाए। हिंदू सेवा परिषद ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन के भीतर इस पर अमल नहीं किया जाता है तो फिर माननीय हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी, और कोर्ट को दीपक की मौत से जुड़े सभी वीडियो-फोटो भी दिए जाएगें। मेडिकल कालेज के डीन डाक्टर नवनीत सक्सेना का कहना है कि घटना की जांच करवाई जा रही है, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मेडिकल अधीक्षक को तीन सदस्यीय जांच कमेटी गाठित कर जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए गए है।