गांजा तस्करी गिरोह को कोर्ट ने सुनाई सजा:तीन साल पहले ट्रक और कार में मिला था 786.52 किलो गांजा

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जिले में भारत सरकार राजस्व सूचना निदेशालय, जोनल यूनिट इंदौर ने गांजे के अंतरराज्यीय गिरोह के‍ खिलाफ कार्यवाही की है। जिसमें धार कोर्ट ने सभी आरोपियों को सजा सुनाई है। अंतरराज्यीय गिरोह के पास से 786.52 किलो गांजा जब्त किया गया था। डायरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस की तरफ से पैरवी करने वाले लोक अभियोजक केसी यादव ने बताया कि विभाग के अधिकारी विजय कुमार को 11 सितंबर 2021 को सूचना मिली थी की आंध्र प्रदेश के पासिंग ट्रक में चावल की बोरियों में 700 से 800 किलो गांजा का अवैध रूप से परिवहन हो रहा है। ट्रक के साथ एक बोलेनो कार चल रही है, जो ट्रक को दिशा-निर्देश कर आगे पीछे चल रही है। सूचना के बाद विभाग की एक टीम खलघाट टोल प्लाजा स्टेट हाइवे पहुंची। जहां कार को रोका गया, कार में सवार युवकों ने पूछताछ में अपना नाम पुष्पेंद्रसिंह, निवासी अलीगढ़ उत्तर प्रदेश, जोगिंदर सिंह निवासी हाथरस उत्तर प्रदेश, दिलीप कुमार निवासी आगरा उत्तर प्रदेश, विशाल कुमार निवासी आगरा उत्तर प्रदेश, मोहम्मद मुकीम निवासी कटक ओड़िशा, पद्मनाभ नायक निवास ओड़िशा बताया। कार को चेक करने पर डिक्की में से एक पैकेट गांजा बरामद हुआ था। पूछताछ करने पर बताया कि ये पैकेट सैंपल के लिए रखा है, जो डीलर को दिखा कर डिलीवरी करना है। गांजा आंध्र प्रदेश पासिंग ट्रक में आ रहा था, कुछ समय बाद ट्रक आया जिसे चैक करने पर 28 पैकेट गांजा बरामद किया गया। ट्रक चंद्रमणि साहू, ओड़िशा निवासी चला रहा था। आरोपियों ने बताया कि ट्रक का गांजा सोनवे टोल पर एक दूसरे ट्रक में खाली किया जाएगा। ट्रक और कार को डीआरआई यूनिट इंदौर लेकर जा रही थी। इसी बीच रास्‍ते में एक और कार को संदिग्ध होने पर रोका गया था। पूछताछ करने पर कार में सवार दो व्यक्ति अजय प्रकाश दुबे और दयानिधी प्रधान ने गांजा तस्करी की बात स्वीकार किया। गिरोह ने बताया कि गांजा विक्रम कुमार विश्नोई उर्फ लिट्टे बाबू नामक गांजा तस्कर का है।आरोपी जोगिंदर सिंह, दिलीप कुमार और विशाल कुमार गांजा तस्कर हेमन्त पाठक उर्फ हेमू पंडित के लिए काम करते थे। प्रकरण का अनुसंधान कर अभियोग पत्र विशेष न्यायालय धार में पेश किया गया था। विशेष न्यायाधीश पंकज सिंह माहेश्वरी ने आरोपी पुष्पेंद्र सिंह, जोगिंदर सिंह, दिलीप कुमार, विशाल कुमार, मोहम्मद मुकीम को 15 साल और आरोपी चंद्रमणि साहू, अजय प्रकाश दुबे, दयानिधि प्रधान को 20 साल की कठोर कारावास के साथ डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।