जबलपुर कलेक्टर द्वारा तहसीलदार पर एफआईआर कराने से नाराज तहसीलदार, नायब तहसीलदारों पिछले पांच दिनों से हड़ताल कर रहे थे। राजस्व मंत्री और विभागीय अधिकारियों से चर्चा के बाद हडताल खत्म कर दी गई। जबलपुर के मामले में मप्र के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने दोनों पक्षों की चूक बताई है। करण सिंह वर्मा ने भास्कर से कहा कहीं ना कहीं कलेक्टर और तहसीलदार दोनों से असावधानी हुई है। मप्र कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान ने बताया- हमारे वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा हुई है। जबलपुर के मामले पर विस्तृत चर्चा के बाद अभी कुछ देर पहले हडताल खत्म की गई है। कलेक्टर सख्त नहीं होगा तो मुश्किल होगी भोपाल में दैनिक भास्कर से चर्चा में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने जबलपुर के मामले पर कहा- मैंने अभी तहसीलदारों से बात की है। कहीं ना कहीं गलती और थोड़ी असावधानी तो हुई है लेकिन, यह भी ठीक है कि ऐसा कृत्य किसी को नहीं करना चाहिए। कलेक्टर हो या तहसीलदार हो सबको नियम की परिधि में काम करना चाहिए। हालांकि उसे गलत भी कह सकते हैं सही भी कह सकते हैं। तहसीलदार ने अगर गलत किया है तो कलेक्टर क्यों है? वह सारे काम को देखते हैं लेकिन यह भी ठीक है कि हमारा तहसीलदार कुछ गलत करता है तो एसडीएम के यहां अपील होती है। सिविल कोर्ट में केस लगा है। लेकिन यह भी ठीक है कि अगर हमारा कलेक्टर इतना सख्त नहीं होगा। तो बहुत मुश्किल होती है, कंट्रोल में तो करना पड़ता है। गलती दोनों से हुई है- राजस्व मंत्री मंत्री ने कहा- हमारे प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने कलेक्टर से वह बात की है। हमारे पीएस लगे हुए हैं मैंने तहसीलदारों के अध्यक्ष और प्रतिनिधि से बात की है। अगर हम राष्ट्र निर्माण के लिए काम करने के लिए आए हैं। तो हो सकता है थोड़ी बहुत असावधानी कलेक्टर से भी होगी, तहसीलदार से तो सावधानी हुई ही है। अगर हम जांच करके देखें तो गलती दोनों से हुई है। मिलजुल कर संवाद से काम करना चाहिए। कलेक्टर से कोई संवाद नहीं हुआ होगा। इसमें दो बातें हैं कहीं ना कहीं कलेक्टर और तहसीलदार दोनों से असावधानी हुई है। हमने बैठकर हमारे पीएस ने कलेक्टर और तहसीलदारों से बात की है वे जल्दी काम पर लौटेंगे। अब जानिए तहसीलदारों ने क्यों की हड़ताल जबलपुर जिले के आधारताल तहसीलदार और पीठासीन अधिकारी द्वारा राजस्व न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक 1587/अ-6/2023-24 में 8 अगस्त 2023 को आदेश जारी कर निजी स्वामित्व की जमीन की वसीयत नामांतरण की कार्रवाई की गई है। इस मामले में अपीलीय न्यायालय राजस्व अनुविभागीय अधिकारी आधारताल द्वारा अपील केस क्रमांक 0035/अपील /2024-25 में सुनवाई की गई और 9 सितंबर 24 को आदेश जारी कर तहसीलदार न्यायालय के आदेश को निरस्त कर दिया। यह कार्यवाही भू राजस्व संहिता के अधीन की गई है। संघ ने कहा है कि इसके बाद 12 सितम्बर 24 को बिना विभागीय अनुमति के अनुविभागीय अधिकारी आधारताल जिला जबलपुर ने पीठासीन अधिकारी और तहसीलदार के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करा दी गई है। साथ ही तहसीलदार को गिरफ्तार भी कर लिया गया। इसके बाद कलेक्टर जबलपुर ने संबंधित तहसीलदार को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया। कलेक्टर पर आरोप, एफआईआर की अनुमति नहीं ली इस मामले में राजस्व अधिकारी संघ ने जबलपुर कलेक्टर पर आरोप लगाया है कि एफआईआर कराने की विभागीय अनुमति लिए बगैर कलेक्टर द्वारा कार्यवाही तहसीलदार के विरुद्ध कराई गई। इसके अलावा उनके द्वारा निलंबन कार्यवाही भी सीधे की गई है, जबकि यह अधिकार संभागायुक्त को है। इसलिए तहसीलदार के विरुद्ध की गई एफआईआर और निलंबन की यह कार्यवाही निरस्त की जानी चाहिए।